हैदराबाद ।। आंध्र प्रदेश में अलग तेलंगाना राज्य के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के तहत सोमवार को रखे गए बंद का तेलंगाना क्षेत्र में व्यापक रहा, जबकि हैदराबाद में आंशिक असर देखा गया। दो दिन के ‘रेल रोको’ अभियान के बाद हालांकि रेल सेवाएं बहाल हो गईं।

इसी अभियान के दौरान गिरफ्तार पूनन प्रभाकर सहित अन्य सांसदों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

बंद के दौरान नलगोंडा जिले के नारकेतपल्ली में विजयवाड़ा-हैदराबाद राजमार्ग को अवरुद्ध करते समय 50 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने एहतियात के तौर पर विजयवाड़ा से हैदराबाद जा रही 100 बसों को रोक दिया। इसके अलावा कृष्णा जिले के केसरा में भी पुलिस ने सरकारी और निजी बसों को रोक दिया।

बंद के कारण शैक्षिक संस्थान, बैंक, कार्यालय तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित रही। राजधानी हैदराबाद में बंद का आंशिक असर रहा लेकिन क्षेत्र के अन्य नौ जिलों में बंद पूर्ण सफल रहा। मामूली घटनाओं को छोड़कर बंद के दौरान माहौल शांतिपूर्ण रहा।

उधर, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कामकाज में व्यवधान डालने का प्रयास कर रहे तेलंगाना समर्थक कई वकीलों को गिरफ्तार कर लिया गया।

निजी शैक्षिक संस्थानों ने मंगलवार से कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने 35 दिन पुरानी अपनी हड़ताल वापस लेने के सम्बंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

सरकारी बसों का परिचालन 28 दिन की हड़ताल के बाद रविवार को सुचारु हो गया था, लेकिन सोमवार को बसें सड़कों से फिर नदारद हो गईं। राज्य सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) ने क्षेत्र में हालांकि आंशिक रूप से बसों का संचालन का दावा किया है। आरटीसी की बसें हैदराबाद और सिकंदराबाद के बीच चलीं।

तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने बंद का आह्वान ‘रेल रेको’ अभियान के दौरान शनिवार व रविवार को कई सांसदों और विधायकों सहित बड़ी संख्या में अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में किया। तेलंगाना क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों में स्कूल, कालेज, दुकानें व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।

हैदराबाद में बंद का आंशिक असर रहने के कारण आरटीसी की बसें सामान्य रूप से चलती देखी गईं। ऑटोरिक्शा चालक संघ के नेताओं के बंद में शामिल होने के आह्वान के बावजूद ऑटोरिक्शा भी सड़कों पर सामान्य ढंग से चल रहे हैं।

महीनेभर की हड़ताल के बाद निजी शैक्षिक संस्थानों ने मंगलवार से कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। संस्थान संचालकोंका कहना है कि अलग राज्य के लिए उनका प्रदर्शन फिर भी जारी रहेगा। वे जेएसी द्वारा भविष्य में शुरू किए जाने वाले किसी भी आंदोलन का समर्थन करेंगे।

जेएसी ने आरोप लगाया है कि ‘रेल रोको’ अभियान के दौरान सांसदों व विधायकों सहित हजारों प्रदर्शनकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए और सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए शक्ति का दुरुपयोग किया।

जेएसी ने तीन दिन के ‘रेल रोको’ अभियान का आह्वान किया था, लेकिन बाद में उसने इसे दो दिन तक सीमित कर दिया और इसके बदले सोमवार को बंद का आह्वान किया।

दो दिन से बंद पड़ी रेल सेवाएं सोमवार को बहाल कर दी गईं। रेलगाड़ियां हालांकि तय समय से घंटों बाद चलीं। अधिकारियों ने संभावना जताई है कि मंगलवार से रेलगाड़ियों का परिचालन सामान्य रूप से होगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा पटरी को पहुंचाए गए नुकसान की जांच और उनकी मरम्मत के बाद रेल सेवाएं बहाल कर दी गईं।

‘रेल रोको’ अभियान के दौरान शनिवार को गिरफ्तार कांग्रेस सांसद पूनम प्रभाकर और एस. राजैया तथा टीआरएस के हरीश राव को सोमवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

उधर, टीआरएस के सभी 12 विधायकों ने अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अपने सुरक्षाकर्मियों को राज्य सरकार को लौटा दिया।

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना क्षेत्र में ‘जन हड़ताल’ जारी है। सिंगानेरी कोलियरी में चल रही हड़ताल 35वें दिन भी जारी रही।

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