अहमदाबाद ।। पूर्व केंद्रीय मंत्री शंकरसिंह वाघेला के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को 74 घंटे का उपवास समाप्त कर दिया। इस मौके पर वाघेला ने कहा कि उनके इस उपवास ने दिखा दिखा कि मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के लोगों के साथ कैसा विश्वासघात किया है।
वाघेला ने मंगलवार को यहां साबरमती आश्रम के बाहर अपना उपवास समाप्त किया। दो दलित बच्चियों ने उन्हें नींबू पानी पिलाकर उपवास समाप्त करवाया।
उन्होंने कहा, “हमने गुजरात के लोगों का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करने के लिए यह उपवास किया कि उन्हीं की धरती पर उन्हें स्वच्छ प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए उनके द्वारा चुने हुए लोग क्या कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि उनका उपवास भ्रष्टाचार और मोदी सरकार के कुप्रशासन के खिलाफ था न कि सरकारी उपवास की तरह नेताओं का एक जश्न था।
वाघेला ने मोदी के सोमवार को समाप्त हुए ‘सद्भावना’ उपवास के संदर्भ में कहा कि हम भी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित कर सकते थे।
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अर्जुन मोदवाडिया, नेता प्रतिपक्ष शक्तिसिंह गोहिल, राज्य में पार्टी के पूर्व प्रमुख सिद्धार्थ पटेल और पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन भी उपवास पर थे।
गोहिल ने कहा, “हम जिम्मेदार विपक्ष के रूप में वर्तमान सरकार के गलत कामों के सम्बंध में लोगों को शिक्षित करने की दिशा में काम करते रहेंगे।”