नई दिल्ली ।। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि यूरोपीय देशों के बढ़ते आर्थिक संकट से देश के आर्थिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ा है और इसका निर्यात पर भी बुरा असर पड़ रहा है, क्योंकि कारोबारी सुस्ती से उबरने के लिए विकसित देश संरक्षणवादी रवैया अपना रहे हैं।

मुखर्जी ने 31वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा, “यूरोजोन संकट यदि आगे खिंचता है तो इससे निर्यात क्षेत्र का विकास प्रभावित होगा।”

देश का औद्योगिक विकास सितम्बर में घटकर 1.9 फीसदी दर्ज किया गया, जो दो साल में सबसे कम है। इसी तरह मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में विकास दर भी 18 महीने में सबसे कम 7.7 फीसदी दर्ज की गई।

उन्होंने विकसित देशों के संरक्षणवादी रवैये को समस्या का एक प्रमुख कारण बताते हुए कहा, “कुछ विकसित देशों का संरक्षणवादी रवैया हमारे निर्यात के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मंदी से उबरने की प्रक्रिया के लिए अत्यधिक चिंता का विषय है।”

देश की निर्यात वृद्धि अक्टूबर में 10.8 फीसदी रही, जो सितम्बर में 36.3 फीसदी और मौजूदा कारोबारी साल के पहले सात महीने में 46 फीसदी रही है।

इसी अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा निर्यात के लिए उत्पादों और क्षेत्रों में विविधता लाने के कारण पिछले कुछ साल में निर्यात बढ़ा है।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रगति मैदान में 14 दिनों तक लगने वाले व्यापार मेले में 6,000 स्टॉल लगने और लगभग 15 लाख दर्शकों के आने की उम्मीद है।

मेले में 26 देशों, देश के 27 राज्यों, 31 केंद्रीय मंत्रालयों और 260 कम्पनियों के स्टॉल लगेंगे। इस मेले का थीम है ‘भारतीय हस्तशिल्प-हुनरमंद हाथों की अद्भुत कारीगरी’।

मेले के पहले पांच दिन कारोबारियों के लिए आरक्षित हैं। आम दर्शकों के लिए मेला 19 से 27 नवम्बर तक खुला रहेगा।

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