जम्मू ।। जम्मू एवं कश्मीर सरकार के सभी कार्यालयों को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच बुधवार को राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू ले जाया गया और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ पेश किया गया।

जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर है और राज्य सरकार मई से अक्टूबर तक वहीं से अपने काम करती है। शीतकालीन राजधानी जम्मू होने की वजह से नवंबर से अप्रैल तक सारे काम यहीं से होते हैं। यह एक सदी से भी पुरानी परम्परा है। डोगरा राजाओं ने इसकी शुरुआत की थी।

इस अवसर पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए। दरअसल विभिन्न छात्र संगठनों ने राज्य सरकार की नई नियुक्ति नीति के खिलाफ विरोध का आह्वान किया था।

नई नीति के मुताबिक नए कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति के बाद दो साल तक उनके मूल वेतन का केवल 50 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इसके बाद अगले तीन साल मे 75 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा और पांच साल का सेवा कार्यकाल पूरा करने के बाद ही कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति होगी।

जम्मू के उपायुक्त संजीव वर्मा ने आदेश दिया है कि बुधवार को सभी कॉलेजों में अवकाश रखा जाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमारे पास ऐसा करने के अपने कारण हैं। हमारे लिए सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है।”

उन्होंने दो महीने तक सचिवालय के नजदीक किसी प्रकार का कार्यक्रम करने पर रोक लगा दी है।

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