चेन्नई ।। तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) को बंद करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से जारी आंदोलन को स्थानीय चुनाव के मद्देनजर रविवार शाम से अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया है।

इस बीच अधिकारियों ने आनन-फानन में कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने की तैयारी कर ली। प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रवेशद्वारों को बंद कर दिए जाने से इन कर्मचारियों के परिवार संयंत्र परिसर में कैद होकर रह गए थे।

‘पीपुल्स राइट्स मूवमेंट’ के समन्वयक एस. शिवसुब्रह्मण्यम ने आईएएनएस से कहा, “हमने अपना आंदोलन अस्थायी तौर पर स्थगित करने का फैसला किया है, ताकि लोग सोमवार को स्थानीय निकाय के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा ले सकें। हमारे हाल के आंदोलन से परमाणु संयंत्र में काम रुक गया है। इस आंदोलन ने विश्व का ध्यान इस ओर खींचा है।”

उन्होंने कहा, “संयंत्र को बंद करने की मांग को लेकर इदिंथाकराई गांव में मंगलवार से फिर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू होगी।”

शिवसुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि परमाणु बिजली संयंत्र के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों में जागरूकता बैठक भी की जाएगी।

आंदोलन स्थगित करने के फैसले से संयंत्र परिसर में गुरुवार से ही ‘कैद’ सैकड़ों परिवारों को राहत मिली है।

एक कर्मचारी की पत्नी ने कहा, “हम घरों में कैद थे। हमें न तो पानी मिल रहा था और न बच्चों के लिए दूध। हमारा राशन खत्म होता जा रहा है और हमारे पास कोई सब्जी नहीं है।”

आंदोलन स्थगित किए जाने की घोषणा के तुरंत बाद भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के एक अधिकारी ने कहा, “हम 13 अक्टूबर से लगभग 50 कर्मचारियों को कार्यमुक्त करने जा रहे हैं। हमने परिस्थिति को देखकर यह फैसला लिया है।”

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ सात अक्टूबर को हुई बैठक से असंतुष्ट क्षेत्र के लोगों ने नौ अक्टूबर से आंदोलन शुरू किया था। 106 लोग पिछले आठ दिन से कुडनकुलम के नजदीक इदिंथाकराई गांव में क्रमिक भूख हड़ताल पर थे।

प्रदर्शनकारियों ने केएनपीपी परिसर के सभी प्रवेश द्वारों को घेर रखा था, जिससे कर्मचारियों का अंदर जाना मुश्किल हो गया। परिसर के भीतर रह रहे परिवारों तथा मजदूरों तक आवश्यक सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही थी। रविवार सुबह उन्हें थोड़ी राहत मिली, जब उन तक बच्चों के लिए दूध और अन्य जरूरी सामान पहुंचाया गया।

एनपीसीआईएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “पुलिस की मदद से परिसर के अंदर रह रहे परिवारों और मजदूरों के लिए आवश्यक सामग्री भेजी गई है। हमारे कर्मचारियों के लिए खाने-पीने का सामान और कुछ कपड़े भी भेजे गए हैं।” उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हालांकि किसी कर्मचारी को परिसर के भीतर नहीं जाने दिया।

शिवसुब्रह्मण्यम ने कहा कि उन्हें परिसर के भीतर सामान भेजे जाने की जानकारी थी, लेकिन मानवीय आधार पर प्रदर्शनकारियों ने इसे लेकर आपत्ति नहीं की।

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