नई दिल्ली, Hindi7.com ।। राष्ट्रमंडल खेल आयोजन घोटाले में शीला दीक्षित को फंसता देखकर कांग्रेस पार्टी घोटाले की व्याख्या अपने ही अंदाज में करने लगी है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कोई घोटाला नहीं किया है। खेल आयोजन के दौरान जरूरत से अधिक रूपयों को खर्च करना कोई अपराध या क्राइम नहीं है, जिसके लिए शीला को कड़ी से कड़ी सजा दी जाय।

कांग्रेस पार्टी ने साफ-साफ कहा कि शीला दीक्षित ने कोई गलती नहीं की है, इसलिए वह अपने पद पर बनी रहेंगी। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री को नहीं हटाया जाएगा। इसके अलावा पार्टी की ओर से यह भी कहा गया है कि उनकी तुलना येदियुरप्पा या किसी अन्य से करना ठीक नहीं होगा।

गौरतलब है कि कैग ने कॉमनवेल्थ खेलों में हुए घोटाले में शीला दीक्षित सरकार पर उंगली उठाई है, लेकिन कांग्रेस ने अजीब तर्क देते हुए कहा है कि शीला दीक्षित पर कोई बड़ा आरोप नहीं है।

कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि “कैग ने सिर्फ कुछ मदों में ज्यादा खर्च हो जाने की बात कही है, जिसे बचाया जा सकता था। यह कोई इतना बड़ा अपराध नहीं है कि उन्हें कोई कड़ी सजा दी जाए।”

इससे पहले कांग्रेस ने अपनी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई और यह तय किया कि फिलहाल दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। पार्टी को लगता है कि महाराष्ट्र के मामले में अशोक चव्हाण को फौरन पद से हटाकर, जो मौका उसने विपक्ष को दिया, वह इस बार उसे नहीं देना चाहिए।

कांग्रेस की शीला सरकार पर पहली बार उंगली तब उठी थी, जब सीवीसी की टेक्निकल कमिटी की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के कई विभागों को गड़बड़ियों का दोषी पाया गया।

दूसरी बार शीला दीक्षित को झटका तब लगा, जब वी.के. शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट ने उनकी सरकार पर उंगली उठाई।

तीसरा हमला कैग की रिपोर्ट ने किया। इस रिपोर्ट में दिल्ली की शीला सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। तीन-तीन जांच के बाद भी कांग्रेस को नहीं लगता है कि शीला दीक्षित पर कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस के अनुसार, जनता के खून-पसीने की कमाई से करोड़ों रुपये उड़ा देना कोई अपराध नहीं है।

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