इडुक्की ।। केरल के जल संसाधन मंत्री द्वारा 100 वर्ष से अधिक पुराने मुल्लपेरियार बांध को भूकम्प से संभावित खतरे की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद ही शनिवार तड़के इस जिले में भूकम्प का हल्का झटका महसूस किया गया। 

रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता वाला भूकम्प का झटका सुबह 3.15 बजे महसूस किया गया, और इसका केंद्र इडुक्की जिले का उप्पुथारा गांव था, जो मुल्लपेरियार बांध से 30 किलोमीटर की दूरी पर है।

तिरुवनंतपुरम के पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र में वैज्ञानिक जॉन मथाई ने आईएएनएस से कहा, “पांच कमजोर मकानों को नुकसान हुआ है।” कोट्टायम जिले के कुछ हिस्सों में भी भूकम्प के मामूली झटके महसूस किए गए। 

जिले में पिछले चार महीनों के दौरान इस तरह के मामूली झटके कई बार महसूस किए गए। 

मुल्लपेरियार बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु राज्यों के बीच विवाद चल रहा है। यह बांध त्रावणकोर के तत्कालील महाराजा और ब्रिटिश शासन के बीच 1886 में हुए एक समझौते के तहत निर्मित हुआ था। 

यह बांध है तो केरल में, लेकिन इसका पानी तमिलनाडु की सेवा में जाता है। हाल के वर्षो में तमिलनाडु ने मांग की कि सिंचाई के लिए पानी की बढ़ी मांग पूरी करने के लिए बांध की ऊंचाई 136 फुट (41.5 मीटर) से बढ़ाकर 142 फुट (43 मीटर) कर दी जाए और इस तरह उसकी जल ग्रहण क्षमता बढ़ा दी जाए।

दूसरी ओर केरल एक नए बांध की मांग कर रहा है, और वह उसका खुद निर्माण करने और खर्च उठाने को तैयार है। लेकिन तमिलनाडु ने इस विचार का विरोध किया है। गतिरोध समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने सुरक्षा पहलुओं सहित सभी मुद्दे के अध्ययन के लिए वर्ष के प्रारम्भ में एक उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति गठित की थी। 

केरल के जल संसाधन मंत्री पी.जे. जोसेफ ने शुक्रवार को कहा था, “पिछले चार महीनों के दौरान इडुक्की जिले में और उसके आसपास भूकम्प के 20 झटके महसूस किए जा चुके हैं।”

जोसेफ ने कहा था, “भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-रुढ़की के विशेषज्ञों के एक दल ने कहा है कि यदि रिक्टर पैमाने पर छह तीव्रता वाला भूकम्प आया तो बांध बच नहीं पाएगा और जिले में तथा आसपास निवास करने वाले 30 लाख लोग समाप्त हो जाएंगे।”

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