मास्को/नई दिल्ली ।। भारत और रूस ने मंगलवार को सैन्य तकनीकी सहयोग पर मास्को में आयोजित अंतरसरकारी आयोग की 11वीं बैठक में क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा पर विचारों का आदान प्रदान करने के साथ ही सम्पूर्ण रक्षा पहलुओं की समीक्षा शुरू की।

रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी रूसी रक्षा मंत्री एनातोली सर्दयुकोव के साथ बैठक की सह अध्यता कर रहे हैं।

जिन मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच चर्चा होनी है, उनमें पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) और मध्यम दर्जे के परिवहन विमान (एमटीए) का संयुक्त विकास करना शामिल है। भारतीय वायु सेना को इस दशक में आगे चलकर 250 एफजीएफए और 45 एमटीए प्राप्त होंगे।

इसके अलावा दोनों देश विमान वाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव के मरम्मत कार्य की भी समीक्षा करेंगे। भारतीय नौसेना ने इस पोत को 2004 में खरीदा था। इस युद्धपोत की आपूर्ति में चार वर्षो का विलम्ब हुआ है और अब इसके 2012 के अंत तक भारत पहुंचने की सम्भावना है।

एंटनी आधिकारिक दौरे पर सोमवार को मास्को पहुंचे। वह सैन्य महकमे में द्विपक्षीय सम्बंधों के आवश्यक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

रूस की हथियार निर्यातक सरकारी कम्पनी रोजोबोरोनेक्सपोर्ट के प्रमुख एनातोली आईजैकिन ने सितम्बर में कहा था कि सैन्य तकीनीकी सहयोग में भारत, अभी भी रूस का सबसे बड़ा रणनीतिक साझेदार है।

उन्होंने कहा था कि भारत में 20 निविदाओं में रूस हिस्सा ले रहा है। भारत के साथ रूस का एक सैन्य तकनीकी समझौता, 2020 तक प्रभावी रहेगा।

सहयोग कार्यक्रम के तहत रूस 2011 के अंत तक 10 वर्षो के पट्टे पर भारत को के-152 नेरपा लड़ाकू पनडुब्बी स्थानांतरित करेगा। इस करार पर 2004 में हस्ताक्षर हुआ था।

सहयोग के अन्य संदर्भो में 80 मिल एमआई-17-वी5 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए करार शामिल हैं। यह करार 2013 के अंत तक पूरा हो जाएगा।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा, सचिव (रक्षा उत्पादन) शेखर अग्रवाल, लेफ्टिनेंट जनरल एम.एस. बुट्टार, एयर मार्शल आर.के. शर्मा, वाइस एडमिरल एन.एन. कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में अनुसंधान एवं विकास के मुख्य नियंत्रक अविनाश चंदर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अशोक नायक और महानिदेशक (अधिग्रहण) विवेक रे शामिल हैं।

 

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