नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र तथा राज्य सरकारों को सात सितम्बर को अदालत के बाहर हुए बम विस्फोट में मरने वालों के परिजनों और स्थाई रूप से विकलांग होने वालों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कहा कि मुआवजे की यह रकम आधी केंद्र तथा आधी राज्य सरकार द्वारा दी जानी चाहिए। खंडपीठ ने यह भी कहा कि गम्भीर रूप से घायल होने वालों को तीन लाख रुपये और मामूली रूप से घायल होने वालों को 20,000 रुपये दिए जाएं।

खंडपीठ ने मुआवजे की रकम कम होने के सम्बंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 14 सितम्बर को केंद्र व राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था और उनसे 21 सितम्बर तक जवाब मांगा था।

दिल्ली सरकार के वकील नजमी वजीरी ने 14 सितम्बर को अदालत को बताया था कि सरकार ने विस्फोट में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये, स्थाई रूप से विकलांग होने वालों को दो लाख रुपये, गम्भीर रूप से घायल होने वालों को एक लाख रुपये और मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 10,000 रुपये देने की घोषणा की थी।

विस्फोट के कारण 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।

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