नई दिल्ली ।। दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सात सितम्बर को हुए बम विस्फोट के नौ दिन बाद भी जांच एजेंसियों के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक एस.सी. सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि जांच ‘नाजुक दौर’ में है और मीडिया को ‘अटकलों’ पर आधारित रिपोर्टों से बचना चाहिए। सिन्हा ने मीडिया में विस्फोटों से जुड़ी रिपोर्टों को ‘अटकलों’ पर आधारित बताया।

सिन्हा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में मीडिया से अपील की कि अटकलों के आधार पर खबरें प्रसारित न की जाए इससे अपूरणीय क्षति हो सकती है। उन्होंने ऐसी खबरों पर थोड़ी ‘सतर्कता’ बरतने की सलाह दी क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक किश्तवाड़ से कक्षा 11वीं के दो छात्रों की गिरफ्तारी को छोड़कर एनआईए ने मीडिया में आ रहीं इस मामले से सम्बंधित सभी रिपोर्टों से इंकार किया।

रिपोर्टों के मुताबिक विस्फोट से सम्बंधित दो ई-मेल संदेश इंडियन मुजाहिदीन के छोटू नाम से भेजे गए। इन संदेशों को को डीएवी स्कूल के एक छात्र के घर से भेजा जाना पता चला।

उधर गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस और एनआईए टीम ने किश्तवाड़ से दो और लोगों को गिरफ्तार किया। संदेश में दावा किया गया कि विस्फोट पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहादी इस्लामी (हूजी) ने कराया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को गिरफ्तार कक्षा 11वीं के छात्रों के खुलासे के आधार पर अमीर अब्बास देव और हिलाल आस्मीन उर्फ हाफिज को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दो युवकों की ओर से दी गई जानकारियों की पुष्टि की जा रही है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “यह एक बड़ा सुराग है लेकिन अभी इस समय कोई निष्कर्ष देने की जरूरत नहीं है।”

दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर गत सात सितम्बर को हुए बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले एक ई-मेल संदेश को किश्तवाड़ से भेजा गया था। संदेश भेजे जाने के बाद से अब तक सात लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

संदेश में धमकी दी गई कि यदि वर्ष 2001 के संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटकाया गया तो देश में और हमले होंगे। इस विस्फोट में 14 लोग मारे गए जबकि 90 से अधिक घायल हुए।

पुलिस कक्षा 11वीं के दो छात्रों को रिमांड पर लेने के लिए किश्तवाड़ स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय गई जहां से न्यायालय ने दोनों छात्रों को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। ई-मेल संदेश भेजने में अपनी कथित भूमिका के लिए हिरासत में लिए गए सात लोगों में ये दोनों छात्र भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सात सितम्बर को हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 90 घायल हो गए।

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