नई दिल्ली ।। देश में औद्योगिक डिजाइनर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए चार नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) शुरू किए जाने की योजना है। क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक व परम्परागत डिजाइनर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए यह योजना बनाई गई है।

अहमदाबाद के नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन के निदेशक प्रद्युम्न व्यास कहते हैं कि क्षेत्रीय डिजाइंस को बढ़ावा देने व ज्यादा युवाओं को डिजाइनिंग का प्रशक्षिण देने के मकसद से वाणिज्य, उद्योग एवं वस्त्र मंत्रालय असम, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश व हरियाणा में एनआईडी खोले जाने की घोषणा करेगा।

व्यास ने राष्ट्रीय राजधानी में आठ-नौ दिसम्बर को आयोजित सीआईआई-एनआईडी डिजाइन सम्मेलन के अवसर पर आईएएनएस से कहा, “हम हर साल करीब 400,000 इंजीनियर व 100,000 प्रबंधक पेश करते हैं। इसके विपरीत डिजाइंस को प्रतियोगी बनाने के लिए हम मुश्किल से 1,000 औद्योगिक डिजाइनर्स ही पेश कर पाते हैं।”

नए एनआईडी के अगले पांच साल में कार्य शुरू कर देने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “नए एनआईडी क्षेत्रीय आवश्कताएं पूरी करेंगे और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए परम्परागत डिजाइंस को औद्योगिक स्तर पर पेश करेंगे।”

बारहवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय डिजाइंस के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देगी और उन्हें वाणिज्यिक रूप से विकसित करेगी।

डिजाइनर नचिकेत ठाकुर अकेले ऐसे डिजाइनर हैं जो नए डिजाइंस में परम्परागत भारतीय डिजाइंस को बढ़ावा दे रहे हैं। 

ठाकुर ने आईएएनएस से कहा, “औद्योगिक व परम्परागत डिजाइंस में समानांतर विकास देखा जा रहा है। दोनों ही अपने आप में निपुण हैं लेकिन फिर भी एक-दूसरे से सीख रहे हैं। शिल्पियों को अपने डिजाइंस व शिल्प के मानकीकरण की आवश्यकता महसूस हुई है।”

मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि चार नए एनआईडी शुरू करने के लिए 73.58 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें से 49.08 करोड़ रुपये की राशि सरकार देगी।

राष्ट्रीय डिजाइन नीति का 2011 का संस्करण उत्साहजनक है। इसमें सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) और निजी कॉलेजों में डिजाइनिंग विभाग शुरू किए जाने की बात कही गई है।

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