मुंबई, Hindi7.com ।। अमरीका और यूरोप में हो रहे आर्थिक हलचलों के बीच दुनिया भर के बाजारों से मंदी का खतरा टलता नजर आ रहा है। अमरीका, यूरोप और एशिया के शेयर बाजारों में तेजी का रुख देखा जा रहा है।

भारत का सेंसेक्स बुधवार को 17,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर खुला। बीएसई समूह में आईटी, रियल्टी, मेटल, तकनीक, ऑटो, बैंक वर्ग 2 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुए हैं।

निफ्टी में भी जबर्दस्त तेजी का रूख है। निफ्टी में एचडीएफसी बैंक, रिलायंस पावर, सेसा गोवा, टाटा मोटर्स, रिलायंस कम्युनिकेशंस के शेयर 6.53 से 3.82 फीसदी तक तेजी का रूख दिखा रहे हैं।

सुबह 10.30 बजे बीएसई सेंसेक्स 342.62 अंक बढ़कर 17,200.53 पर कारोबार कर रहा था। बीएसई का मिडैकप सवा दो फीसदी और स्मालकैप तकरीबन 3 फीसदी ऊपर बना हुआ था। एनएसई का निफ्टी 112 अंकों की छलांग लगाकर 5,185.40 पर कारोबार कर रहा था।

आज सुबह बीएसई सेंसेक्स 380 अंक ऊपर खुला और निफ्टी में भी 100 से अधिक अंकों की तेजी आई। मिडकैप और स्मालकैप में भारी तेजी दिखाई दी। महिंद्रा सत्यम, पटनी के शेयरों में तेजी का रूख देखा गया।

निवेशकों ने आज सुबह से ही जबर्दस्त खरीदारी की, जिससे इंडेक्स को ऊपर चढ़ने में मदद मिली। अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त तेजी का रूख है। रिलायंस इन्फ्रा और रिलायंस पॉवर के शेयरों में अच्छी तेजी आई है।

एशियाई बाजारों में भी रौनक देखी जा रही है। जापान का निक्केई 2.6 अंक, कोस्पी 4.2, अंको की बढ़त के साथ खुले। शंघाई कम्पोजिट 47 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।

एसजीएक्स निफ्टी 60 अंकों की मजबूती लेकर 5,155.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। कोरियाई बाजार का सूचकांक कोस्पी 27 अंकों की बढ़त के साथ 1,828 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। ताइवान सूचकांक 219 अंकों की उछाल के साथ 7,712 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर रहे चीन के शंघाई स्टॉक एक्सचेंज में 50 अंकों की तेजी देखी जा रही है।

ऑस्ट्रेलिया का ऐसऐंडपी एएसएक्स 200 इंडेक्स बढ़कर 4,142.50 के स्तर को पा लिया है। न्यूजीलैंड का इंडेक्स 3 प्रतिशत बढ़ा।

अमेरिकी रिजर्व बैंक, जिसे फेडरल रिजर्व कहा जाता है, ने ब्याज दरों को शून्य के आसपास रखने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद ही अमरीका और दुनिया के अन्य शेय बाजारों में तेजी आई है। फेडरल रिजर्व की ओर से यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई अन्य तरह की नीतियों को भी अमल में लाया जाएगा। 

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