कोलकाता ।। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि यूरोपीय संकट भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है और देश के सरकारी कर्ज और वित्तीय घाटे को कम करने के लिए वे कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे।

उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक स्थिति को देखते हुए इस कारोबारी साल में नौ फीसदी विकास दर का लक्ष्य हासिल होने की सम्भावना नहीं है।

मुखर्जी ने कारोबारी जगत के प्रतिनिधि संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, “मैं परेशान हूं, क्योंकि मैं यह नहीं चाहता कि सरकारी कर्ज और वित्तीय घाटा बहुत अधिक हो जाए।”

उन्होंने कहा कि यूरोप के वित्तीय संकट का बुरा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

मुखर्जी ने कहा कि यूरोप की स्थिति से हमें यह सबक मिलता है कि भारत जैसे बड़े देश में वित्तीय नियमन और नियंत्रण के स्वर्ण पथ को छोड़ा नहीं जा सकता है।

उन्होंने कहा, “हमें वित्तीय घाटा कम करना होगा। हमें सबक लेना होगा। और मैं आपको वचन देता हूं कि देश के वित्त मंत्री होने के नाते मैं सही समय पर कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकूंगा।”

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