नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि ग्रेटर नोएडा में तैयार बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में अक्टूबर के अंत में फार्मूला वन (एफ-1) रेस आयोजित कराने से पहले इसके आयोजक जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी को हर हाल में मनोरंजन कर अदा करना होगा।
न्यायामूर्ति डी.के.जैन और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कर अदा करने के निर्देश जारी किए। याचिका में एफ-1 आयोजको को टिकटों की बिक्री से होने वाली आय पर मनोरंजन कर की छूट सम्बंधी उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी।
मायावती सरकार ने जेपी को 200 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सर्किट पर रेस कराने को लेकर मनोरंजन कर न देने की छूट दे दी थी। रेस का आयोजन 28 से 30 अक्टूबर तक होना है।
न्यायालय के इस फैसले पर आयोजकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इससे आयोजकों को नुकसान होगा और उनका उत्साह ठंडा हो जाएगा।
इस पर न्यायालय ने आयोजकों के वकील से पूछा, “हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि मनोरंजन कर की राशि किसी अलग खाते में जमा कराने से आयोजकों का उत्साह कैसे ठंडा पड़ सकता है या फिर इससे इस आयोजन को लेकर गलत संकेत कैसे जाएगा।”
इस सम्बध में न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कर माफी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए उसे चार सप्ताह का समय दिया।
न्यायालय इस बात की भी जांच करेगा कि सर्किट के निर्माण का कार्य उस क्षेत्र की विकास योजना के अंतर्गत किया गया है या नहीं।
भारत में पहली बार एफ-1 रेस का आयोजन हो रहा है। इसे इंडियन ग्रां पी नाम दिया गया है।