नई दिल्ली ।। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में गुरुवार को लगातार चौथे दिन विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा किया, जिसकी वजह से कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने विश्व एड्स दिवस पर एक संदेश पढ़े जाने के बाद जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने की कोशिश की, विपक्षी दलों के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। वे मल्टी ब्रांड और सिंगल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

इस बीच, केरल के सभी दलों के सांसद अध्यक्ष के आसन के समक्ष जमा होकर 116 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के स्थान पर नया बांध बनाने की मांग को लेकर नारेबाजी करने करने लगे। इनमें कांग्रेस के सदस्य भी थे। उनके हाथों में इस आशय के नारे लिखी तख्तियां थीं।

भारी हंगामे को देखते हुए लोकसभाध्यक्ष ने दोपहर तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी यही स्थिति बनी रही, जिसके बाद लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और मुल्लापेरियार बांध पर संसद के उच्च सदन में भी हंगामा हुआ, जिसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा, जिसके बाद उप सभापति के. रहमान खान ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

एफडीआई के मुद्दे पर संसद में गतिरोध का यह लगातार चौथा दिन था। वास्तव में, 22 नवम्बर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में महंगाई, एफडीआई, तेलंगाना तथा अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी है, जिसकी वजह से अब तक कोई महत्वपूर्ण विधायी काम नहीं हो सका है।

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