नई दिल्ली ।। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के सरकार के निर्णय को लेकर संसद में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध बुधवार सुबह की सर्वदलीय बैठक के बाद समाप्त हो गया।

इसके बाद दोनों सदनों में सामान्य कामकाज हुआ और शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद पहली बार प्रश्नकाल हुआ। 

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में सुबह हुई सर्वदलीय बैठक में प्रस्ताव पारित कर खुदरा विवाद के बारे में आम सहमति बनने तक इसे स्थगित कर दिया गया। इसके बाद मुखर्जी ने लोकसभा में एक संक्षिप्त बयान दिया और इस प्रस्ताव को पढ़कर सुनाया।

बैठक में पारित एक अनुच्छेद के प्रस्ताव में कहा गया है, “खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने का फैसला इस बारे में सम्बद्ध पक्षों में विचार विमर्श के बाद आम सहमति बनने तक स्थगित किया जाता है।”

मुखर्जी ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि सभी राजनीतिक दलों में सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के नए फार्मूले के अनुसार इस नीति के बारे में कोई फैसला लेने से पहले अब इस बारे में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों सहित सभी सम्बद्ध पक्षों से विचार-विमर्श किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “सरकार सर्वसम्मति से फैसला लेगी। संसद को काम करने दीजिए।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “यह सरकार की हार नहीं, बल्कि इससे लोकतंत्र मजबूत हुआ है।”

स्वराज ने सदन में मौजूद वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आभार व्यक्त करते हुए, “मैं वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं।”

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदास दासगुप्ता ने इसे जनता की जीत करार देते हुए कहा कि सरकार ने एक तरह से यह फैसला वापस ही ले लिया है। उन्होंने इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “सरकार इस बारे में चर्चा करेगी। जब वह इस मामले को हमारे समक्ष उठाएगी तो हम फिर से इसका विरोध करेंगे। इस पर आम सहमति नहीं बनेगी और यह लागू नहीं होगा।”

उन्होंने कहा कि अब दोनों सदन सामान्य ढंग से काम करेंगे।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की घटक तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सहित प्रत्येक राजनीतिक दल संसद को काम करने देने और एफडीआई के मसले को स्थगित रखने पर सहमत हैं।

तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय ने बैठक के बाद आईएएनएस से कहा, “यह स्वीकार कर लिया गया है। चाहे आप इसे स्थगित किया जाना कहें या वापस लिया जाना, यह लागू नहीं होने वाला है।”

संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने इस बात को खारिज कर दिया कि सरकार सहयोगी दलों और विपक्ष के समक्ष झुक गई। उन्होंने कहा, “झुकने का प्रश्न ही नहीं उठता। यह लोकतंत्र है। हम हमेशा से चर्चा चाहते हैं। वे हमारे फार्मूले पर राजी हो गए हैं। बैठक अच्छी रही। अब संसद में काम होगा।”

इससे पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल होने वाले नेताओं ने कहा कि वे खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश स्थगित करने के सरकार के फैसले से सहमत हैं।

इस मसले पर बने गतिरोध की वजह से संसद के दोनों सदनों में शीतकालीन अधिवेशन के दौरान अभी तक कोई कामकाज नहीं हो सका था। इसके अलावा बढ़ती कीमतों, तेलंगाना और भ्रष्टाचार के मामलों पर भी पिछले नौ दिनों में संसद की कार्यवाही बाधित रही थी।

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