अगरतला ।। खुदरा क्षेत्र में केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के फैसले के विरोध में वाम शासित त्रिपुरा में गुरुवार को सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद रहे। यहां व्यापारियों ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। 

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ द्वारा पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन के लिए किए गए आह्वान के तहत यहां बंद रखा गया।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने बंद का समर्थन किया।

ऑल त्रिपुरा मर्चेट्स एसोसिएशन के आयोजन सचिव सुजीत रॉय ने बताया, “पूरी तरह बंद की स्थिति रही। व्यापारियों व व्यवसायियों के बंद में हिस्सा लेने से सभी थोक व खुदरा बाजार बंद रहे।”

उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया, “सभी वर्गो के लोगों के सहयोग से व्यापारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई व एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति के फैसले का विरोध करेंगे।”

त्रिपुरा में वाममोर्चा सरकार ने भी केंद्र की संप्रग सरकार से खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का उसका फैसला वापस लेने के लिए कहा है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री माणिक डे के मुताबिक गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव एस.के. पांडा ने राज्य सरकार का फैसला संप्रग सरकार को बता दिया है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यदि संप्रग सरकार खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देती है तो 22 करोड़ से ज्यादा छोटे व्यापारियों व अन्य लोगों की जीविका इससे सीधे तौर पर प्रभावित होगी।”

माकपा नेता डे ने कहा, “संप्रग सरकार ने 2009 में सभी राज्य सरकारों से देश में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के सम्बंध में उनके विचार पूछे थे। त्रिपुरा सरकार ने उस समय भी इसका विरोध किया था।”

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