कोलकाता ।। पश्चिम बंगाल में गुरुवार को खुदरा व थोक विक्रेताओं की दुकानें बंद रहने से व्यापार प्रभावित हुआ। केंद्र सरकार के खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के फैसले के विरोध में आयोजित राष्ट्रव्यापी बंद का यहां काफी असर दिखा। 

कोलकाता का व्यवसायिक केंद्र माना जाने वाला बुर्रा बाजार वीरान दिखा। इसे एशिया के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक माना जाता है। यहां के व्यापारियों ने अपनी दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखकर बंद में हिस्सा लिया।

दवा की दुकानों और होटलों को इस बंद से बाहर रखा गया था।

पचास लाख से ज्यादा छोटे व्यवसायियों पर नियंत्रण रखने वाले फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स ऑर्गेनाइजेशन के राज्य महासचिव तारकनाथ त्रिवेदी ने बताया कि यहां बंद पूरी तरह प्रभावी रहा। उन्होंने कहा, “बुर्रा बाजार में कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं देखी गई। सड़कों के किनारे स्थित दुकानें भी बंद रहीं।”

उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों से आ रही सूचनाएं बता रही हैं कि बंद पूरी तरह से सफल रहा है।

त्रिवेदी ने कहा, “यह केवल प्रतीकात्मक विरोध है। यदि सरकार हमारे विरोध पर ध्यान नहीं देती है तो हम बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू करेंगे।”

बुर्रा बाजार की संयोजक समिति के समन्वयक तपस मुखर्जी का कहना है कि छोटे खुदरा दुकानदारों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है, उन्हें खुद के बूते अपना व्यापार चलाना होता है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी ये छोटे दुकानदार सरकार को सभी तरह के कर देते हैं, तब सरकार इनके साथ चर्चा के बिना ऐसा निर्णय कैसे ले सकती है।

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