नई दिल्ली ।। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने कहा कि सरकार विकलांग छात्रों को भी राजीव गांधी फेलोशिप देगी, जो फिलहाल सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को मिलती है। उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकार कई अन्य योजनाओं पर भी विचार कर रही है।

वासनिक विकलांग नागरिकों के प्रति समाज के नजरिये में बदलाव लाने के लिए दिल्ली हाट में ‘नेशनल ट्रस्ट’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने झंडी दिखाकर ‘बढ़ते कदम’ कार्यक्रम की शुरुआत भी की। ‘नेशनल ट्रस्ट’ केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन है। इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का संदेश भी पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार विकलांग नागरिकों को भी समान अधिकार एवं सम्मान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकलांगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकार उनकी शिक्षा एवं उनमें कौशल विकास के लिए भी प्रयासरत है। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में ‘संकेत भाषा’ में विभिन्न पाठ्यक्रम और कौशल प्रशिक्षण के लिए सरकार हर सम्भव वित्तीय मदद देने के लिए तैयार है।

वासनिक ने कहा कि विकलांग व्यक्ति भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें भी समान अधिकार और सम्मान के साथ जीने का हक है। समाज में वे भी सम्मान के साथ जी सकें, इसके लिए सामान्य नागरिकों को विकलांगों के अधिकारों के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि विकलांग नागरिकों के प्रति लोगों के नजरिये में बदलाव लाने के लिए सिर्फ गैर-सरकारी संगठनों को नहीं, बल्कि आम लोगों को भी पहल करने की जरूरत है।

इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए।

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