नई दिल्ली ।। गत आठ अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10.6 फीसदी हो गई। यह जानकारी जानकारी गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई। त्योहारों के मौसम में आवश्यक वस्तुओं के दामों में वृद्धि भी इसकी वजह है।
इससे पहले एक अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह दर मामूली तौर पर घटकर 9.32 फीसदी हो गई थी। महंगाई दर में वृद्धि की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक बार फिर से दरों में वृद्धि किए जाने की सम्भावना बढ़ गई है।
10 सितम्बर को समाप्त हुए सप्ताह के बाद से खाद्य महंगाई दर में तेजी से वृद्धि हुई थी। इसकी वजह से मूसलाधार बारिश के कारण कुछ वस्तुओं के उत्पादन में कमी थी।
समीक्षाधीन सप्ताह में प्राथमिक वस्तुओं के सूचकांक में 11.18 फीसदी की वृद्धि हुई। थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं की भागीदारी 20.12 फीसदी है जबकि पिछले सप्ताह में यह वृद्धि 10.6 फीसदी थी।
ईंधन और ऊर्जा सूचकांक में 15.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
आठ अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि काफी कम 8.51 प्रतिशत रही जो कि इससे पिछले सप्ताह 9.59 प्रतिशत थी। जनवरी 2010 से ही मुद्रास्फीति की दर दहाई के आंकड़े के करीब बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही संकेत दे चुका है कि जब तक मुद्रा स्फीति में पर्याप्त कमी नहीं आती तब तक वह नीतिगत दरों में वृद्धि करता रहेगा। जनवरी 2010 से रिजर्व बैंक 12 बार अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि कर चुका है।
पिछले वर्ष की तुलना में निम्न खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी या वृद्धि हुई:
प्याज (-) : 11.27 फीसदी
सब्जियां: 17.59 फीसदी
फल: 12.39 फीसदी
आलू: 1.73 फीसदी
अंडा, मांस एवं मछली: 14.1 फीसदी
चावल: 4.42 फीसदी
गेहूं: (-) 0.18 फीसदी
दाल: 7.42 फीसदी