नई दिल्ली ।। पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा सहित 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से सम्बंधित सभी 14 आरोपियों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण [ट्राई] की रिपोर्ट की प्रति प्राप्त करने के लिए मंगलवार को यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] की विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

ट्राई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

राजा और अन्य आरोपियों द्वारा सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी के समक्ष पेश किए गए आवेदन में कहा गया है, “वे भारत सरकार को हुए नुकसान की राशि की जानकारी के लिए रिपोर्ट चाहते हैं।”

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में 2जी लाइसेंस के आवंटन से सरकारी खजाने को लगभग 30,000 करोड़ रुपये के नुकसान का जिक्र किया है। भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने नीलामी के बदले पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन के राजा के निर्णय के कारण 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का जिक्र किया है।

आवेदन को संज्ञान में लेते हुए न्यायाधीश सैनी ने सीबीआई से शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।

सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को कहा गया था कि ट्राई ने कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लिहाजा न्यायिक हिरासत में रखे गए आरोपियों को जमानत पाने का हक है।

यह तर्क उस समय दिया गया, जब सर्वोच्च न्यायालय में यूनीटेक के संजय चंद्रा और डीबी रियलिटी के विनोद गोयनका की जमानत याचिकाओं पर बहस चल रही थी। दोनों 2जी मामले में अपनी कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं।

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