नई दिल्ली ।। प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए 12 दिनों के अनशन के बाद अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे गांधीवादी अन्ना हजारे को बुधवार को छुट्टी दे दी गई। अस्पताल से निकलने के बाद अन्ना हजारे महाराष्ट्र स्थित अपने गांव रालेगांव सिद्धि के लिए रवाना हुए।
प्रभावी लोकपाल विधेयक के लिए उनकी तीन प्रमुख मांग संसद द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिए जाने के बाद उन्होंने अपना 12 दिनों का अनशन रविवार सुबह समाप्त कर दिया था। गांधीवादी गत 16 अगस्त से अनशन पर बैठे थे। अनशन समाप्त करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अन्ना हजारे पक्ष के एक सदस्य ने बताया कि वह पुणे जाएंगे और वहां से अपने गांव के लिए रवाना होंगे।
अस्पताल में अन्ना हजारे के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले डॉक्टरों में से एक यतिन मेहता ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता के स्वास्थ्य मानक स्थिर पाए जाने पर उन्हें शाम के वक्त छुट्टी दे दी गई।
मेहता ने कहा कि अन्ना हजारे का स्वास्थ्य ‘अच्छी हालत’ में है और वह ‘ठीक’ हैं।
इसके पहले दिन में डॉक्टर ने बताया कि 74 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने चावल और दाल जैसा हल्का भोजन लिया।
मेहता ने कहा कि 12 दिनों के अनशन के बाद अन्ना हजारे के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है। उनका रक्तचाप 141/90 है जो सामान्य है।
मेहता ने कहा कि अन्ना हजारे ने पूरा आहार लेना शुरू नहीं किया है लेकिन वह चावल जैसा हल्का भोजन ले रहे हैं जो एक अच्छा संकेत है।