नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि देश में आर्थिक मंदी चिंता का विषय है, लेकिन औद्योगीकृत पश्चिमी दुनिया में जारी मंदी के मद्देनजर इसे एक अल्पकालिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए।

राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की 56वीं बैठक का यहां उद्घाटन करते हुए सिंह ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना तैयार करते समय वैश्विक अर्थव्यवस्था और पड़ोस के घटनाक्रमों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

सिंह ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार, पिछले सात वर्षो में 8.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हासिल करने में सफल रही है।

अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के अलावा एक नीतिगत वातावरण, अधोसंरचना विकास, आजीविका सहायता और सार्वजनिक सेवाओं की सुलभता मुहैया कराने में सरकार की प्रमुख भूमिका रही है।

सार्वजनिक सेवाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आम जनता को स्वास्थ्य, कौशल विकास, शिक्षा और साफ-सफाई की सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “इसके बगैर प्रभावी समावेशन सम्भव नहीं है।”

इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा ले रहे हैं।

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