नई दिल्ली ।। गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से मशविरा किए बगैर राज्यपाल द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी रखा, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई।

हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही तीन-तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने के थोड़े ही देर बाद भाजपा सदस्यों ने लोकायुक्त के मसले पर हंगामा आरम्भ कर दिया। भाजपा सदस्यों ने राज्यपाल कमला बेनीवाल द्वारा सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.ए. मेहता को लोकायुक्त नियुक्त किए जाने के खिलाफ अध्यक्ष के आसन के निकट आकर नारेबाजी की। हंगामा थमता न देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे भी यही स्थिति बनी रही। हंगामे के बीच ही लोकसभा के उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने जरूरी कामकाज निपटाए और हंगामा न थमता देख सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी। फिर जब सदन की कार्यवाही आरम्भ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही अलबत्ता कार्यवाही चार बजे तक स्थगित कर दी गई।

उधर, राज्यसभा की कार्यवाही पहली बार, सुबह बैठक शुरू होने के तत्काल बाद स्थगित की गई। कुछ सदस्य सभापति हामिद अंसारी के आसन के पास आ गए। अंसारी ने उसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

अंसारी ने कहा, “सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है, क्योंकि सदस्य नहीं चाहते कि प्रश्नकाल चले।”

सदन की बैठक दोबारा शुरू होने के बाद भी भाजपा सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा। उसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

गुजरात से भाजपा सांसद विजयकुमार रूपानी ने बाद में कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति का मुद्दा पिछले तीन दिनों से सदन में उठाया जा रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

रूपानी ने आईएएनएस से कहा, “राज्य सरकार से परामर्श किए बगैर लोकायुक्त की नियुक्ति संविधान का उल्लंघन है। लोकायुक्त की नियुक्ति की अधिसूचना वापस ले ली जानी चाहिए।”

रूपानी ने कहा कि यदि इस तरह से नियुक्तियां की गई तो संघीय ढाचा छिन्न-भिन्न हो जाएगा।

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