नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) धर्मवीर शर्मा की एक याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में शर्मा ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण में नियुक्त की मांग की थी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से सेवानिवृत्त, न्यायमूर्ति शर्मा अयोध्या फैसले में अपने रुख के लिए जाने जाते हैं। शर्मा ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का विवादित स्थल भगवान राम का जन्मस्थान है।

न्यायाधिकरण का गठन पिछले वर्ष पर्यावरण सम्बंधी मामलों के लिए किया गया था और इसे केंद्र सरकार ने गठित किया था। सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति लोकेश्वर सिंह पेंटा इसके अध्यक्ष हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एस.एस. निज्जर ने कहा कि शर्मा के पास हरित न्यायाधिकरण में नियुक्ति पाने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।

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