हैदराबाद ।। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अवैध खनन मामले में शनिवार को औपचारिक रूप से आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी के स्वामित्व वाली ओबुलापुरम खनन कम्पनी (ओएमसी) शामिल है। सीबीआई ने यहां नामपल्ली अपराध न्यायालय परिसर में सीबीआई की विशेष अदालत में अपना आरोप पत्र दाखिल किया।

आरोप पत्र में जनार्दन रेड्डी, उनके रिश्तेदार और ओएमसी के प्रबंध निदेशक बी.वी. श्रीनिवास रेड्डी और पूर्व खनन निदेशक वी. डी. राजगोपाल के नाम बतौर आरोपी शामिल हैं। ये सभी आरोपी यहां चंचलगुडा केंद्रीय कारागार में कैद हैं।

इस मामले में गिरफ्तार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी वाई. श्रीलक्ष्मी का नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं है। श्रीलक्ष्मी को शुक्रवार को जमानत मिल गई थी। सीबीआई को श्रीलक्ष्मी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभी केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी बाकी है।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि श्रीलक्ष्मी और अन्य आरोपियों के नाम बाद में पूरक आरोप पत्र में शामिल किए जाएंगे। 

आरोपियों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, चोरी, आपराधिक अतिक्रमण, विश्वासघात और जालसाजी के आरोप तय किए गए हैं।

ओएमसी पर, उसे अनंतपुर जिले के ओबुलापुरम में आवंटित इलाके के अतिरिक्त इलाकों में अवैध खनन करने के आरोप तय किए गए हैं। 

सीबीआई अधिकारी 100 पृष्ठों के आरोप पत्र और हजारों पृष्ठों के सहयोगी दस्तावेजों को 10 ट्रंकों में भरकर न्यायालय पहुंचे थे।

यह आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 420, 468 और 471 तथा भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम-1988 की धारा 13(2) के साथ 13 (1) (डी) के तहत दाखिल किया गया है।

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