नई दिल्ली, Hindi7.com ।। चीन को पटखनी देते हुए भारत नंबर एक पर जा पहुंचा है। ऐसा कारनामा हुआ है, वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी के कारण। इससे पहले चीन इस क्षेत्र में अव्वल था। इस संबंध में “सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल्स मेन्युफेक्चरर” (सियाम) ने आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक, जून में खत्म हुए तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री में भारत का आंकड़ा 18.2 प्रतिशत रहा। यह आकड़ा विश्व में सबसे अधिक है।

इस लिहाज से भारत ने कई विकसित और विकासशील देशों को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। इस साल इसी समयावधि में यात्री वाहनों (कार, एमपीवी और एसयूवी) की बिक्री के मामले में भारत के अलावा अमेरिका 14.4 के साथ दूसरे, जर्मनी 14.3 के साथ तीसरे और चीन 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ चौथे नंबर पर रहा है। चीन पिछले एक साल से वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी के मामले में दुनिया में सबसे आगे रहा है।

अगर कमर्शियल वाहनों की बिक्री की बात करें, तो चीन यहां और भी फिसड्डी साबित हुआ है। इस तरह के वाहनों की बिक्री के मामले में चीन का ग्रोथ माइनस में है। पिछले तीन महिनों में चीन की कमर्शियल वाहनों की बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस गिरावट के साथ ही वह आठवें नंबर पर खिसक गया है। भारत 12.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ चौथे नंबर पर रहा।  भारत फ्रांस, इटली और जापान जैसे देशों को इस मामले में पीछे छोड़ दिया।

इस तरह से भारत विश्व बाजार में तो अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा, लेकिन अपने घरेलू बाजार में उत्साहजनक प्रदर्शन नहीं कर सका। इस तिमाही में पैसेंजर वाहनों में बढ़ोतरी केवल 9 फीसदी रहा, जो पिछले साल 33 फीसदी था। दुपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले साल 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तुलना में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही और तिपहिया वाहनों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और यह 5 प्रतिशत पर ठहरा।

यदि वित्तीय वर्ष 20011 के पहले तीन महीनों की बात करें, तो सेल्स ग्रोथ में हर महीने गिरावट दर्ज की गई है। पैसेंजर वाहनों की बिक्री अप्रैल से जून में 14 प्रतिशत से 4 प्रतिशत पर आ गई, तो दुपहिया वाहनों की बिक्री 26 प्रतिशत से 14 प्रतिशत पर आ गई।

“सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल्स मेन्युफेक्चरर” (सियाम) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि बिक्री में कुछ कमी जरूर आई है, लेकिन कुल मिलाकर निगेटिव ग्रोथ नहीं होगी। हमने पहले ही ग्रोथ रेट काफी कम करके आंका है। मेरा मानना है कि हमारा वास्तविक ग्रोथ रेट हर हाल में 10 प्रतिशत से अधिक है।

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