संयुक्त राष्ट्र ।। भारत और अन्य 39 देशों ने, संयुक्त राष्ट्र में सऊदी अरब के राजदूत की हत्या की कथित ईरानी साजिश की निंदा से सम्बंधित संयुक्त राष्ट्र में लाए गए एक प्रस्ताव में यह कहते हुए हिस्सा नहीं लिया कि पूर्ण सच्चाई अज्ञात है और मामला न्यायाधीन है। सऊदी अरब द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में सीधे तौर पर ईरान की संलिप्तता का तो आरोप नहीं लगाया गया है लेकिन उसे अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों को समझने और राजदूत की हत्या की कथित साजिश में लिप्त रहे लोगों को कानून के कटघरे में लाने में सहयोग करने के लिए कहा गया है।

प्रस्ताव के पक्ष में 106 मत पड़े, खिलाफ में नौ और 40 ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने भारतीय वोट की व्याख्या में कहा कि भारत, ‘कन्वेंशन ऑन द प्रीवेंशन एंड पनिशमेंट ऑफ क्राइम्स अगेंस्ट इंटरनेशनली प्रोटेक्टेड पर्सन कन्वेंशन’ के तहत अपनी जवाबदेहियों को पूरी गम्भीरता के साथ समझता है। 

पुरी ने कहा, “हमने हालांकि आज इस प्रस्ताव से अपने को अलग रखा है, क्योंकि इसमें शामिल बातें एक ऐसे खास मामले से सम्बंधित है, जिसकी पूरी जानकारी हमारे पास नहीं है और यह मामला न्यायाधीन है।”

पुरी ने कहा, “भारत दशकों से आतंकवाद से पीड़ित है। हम आतंकवाद के हर रूप की निंदा करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई में अग्रिम मोर्चे पर रहे हैं।”

ज्ञात हो कि अमेरिकी अधिकारियों ने अक्टूबर में अमेरिकी नागरिक मंसूर अरबाबसायर (56) और ईरान के इस्लामिक रिवल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के ईरान स्थित सदस्य गुलाम शकूरी पर आरोप लगाया था कि दोनों ने मेक्सिको के एक ड्रग गिरोह के सदस्यों को उस रेस्तरां को विस्फोट के जरिए उड़ाने की सुपारी देने की साजिश रची थी, जिसमें सऊदी राजदूत उपस्थित होने वाले थे। 

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