नई दिल्ली ।। भारत में फ्रांस के निवर्तमान राजदूत जेरोम बोनाफोंट ने कहा है कि भूकम्प की चिंताओं को लेकर अधर में लटके जैतापुर परमाणु संयंत्र को मंजूरी मिलने के प्रति उनका देश आश्वस्त है।

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी की सरकार में नई जिम्मेदारी सम्भालने के लिए इस माह के अंत में राजदूत का पद छोड़ रहे बोनाफोंट ने कहा, “फ्रांसीसी सरकार को पूरा विश्वास है कि जैतापुर संयंत्र को हरी झंडी दिखाई जाएगी। हम पूरी तरह से आश्वस्त है कि भारत में जिस चीज का विकास होने जा रहा है उसमें सर्वोच्च स्तरीय परमाणु सुरक्षा को अपनाया जाएगा।”

बोनाफोंट ने कहा कि महाराष्ट्र में संयंत्र के लिए फ्रांस ने जिस परमाणु तकनीक का प्रस्ताव दिया है वह सुरक्षा के मामले में सर्वोत्तम है।

इस वर्ष जापान में आए भूकम्प की वजह से फुकुशिमा दायिची परमाणु त्रासदी के संदर्भ में कहा, “सुरक्षा की दृष्टि से यूरोपीयन प्रेसराइज्ड रिएक्टर्स (ईपीआर) में सर्वश्रेष्ट प्रक्रिया अपनाई गई है। हम अपने सभी संयंत्रों की सुरक्षा प्राधिकरण के साथ समीक्षा कर रहे हैं ताकि इसकी गारंटी दी जा सके कि उसमें फुकुशिमा जैसे हादसे नहीं होंगे, और यह प्रक्रिया जारी है।”

वर्ष 2007 में नई दिल्ली में राजनयिक की जिम्मेदारी सम्भालने वाले बोनाफोंट के लिए शुक्रवार को फ्रांसीसी दूतावास में शानदार विदाई समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एस. जयपाल रेड्डी और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी भी उपस्थित हुए। इस मौके पर बोनाफोंट ने कहा, “चार वर्षो तक भारत में रहना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पेरिस में काम करते समय भी मैं भारत का दोस्त बना रहूंगा।”

उन्होंने कहा कि फ्रांस इस चीज को लेकर आश्वस्त है कि उसकी कम्पनी डासॉल्ट को 126 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति का 10.4 अरब डॉलर का ठेका जरूर मिलेगा।

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