नई दिल्ली ।। नई दूरसंचार नीति मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए खुशी का पैगाम लेकर आई है। इस नीति में देश में रोमिंग फ्री करने की अनुशंसा की गई है, साथ ही मोबाइल उपभोक्ताओं को क्षेत्र और सेवा प्रदाता बदलने के बाद भी पुराना नम्बर रखने की सुविधा होगी। इसके अलावा स्पेक्ट्रम आवंटन में पारदर्शिता एवं ब्राडबैंड की गति बढ़ाने की बात कही गई है।

केंद्रीय संचार मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा जारी नई दूरसंचार नीति के मसौदे के अनुसार रोमिंग शुल्क हटा लिया जाएगा और मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलटी सुविधा दूसरे क्षेत्र में लागू करने का प्रस्ताव है। इस सुविधा के बाद किसी भी क्षेत्र का मोबाइल उपभोक्ता दूसरे क्षेत्र में पुराने नम्बर पर नई सेवा ले सकता है।

नई नीति में यह भी प्रस्तावित है कि दूरसंचार उद्योग ढांचागत क्षेत्र की स्थिति के अनुरूप अनुबंध कर सकेगा। इससे कम्पनियों को अपनी साख बढ़ाने में आसानी होगी।

नई नीति से मोबाइल सेवा प्रदाताओं को भी फायदा होगा, क्योंकि इसमें कम्पनियों को दुर्लभ संसाधन ‘स्पेक्ट्रम’ के साझा करने और बाद में इसके व्यापार की अनुमति देना प्रस्तावित है। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार स्पेक्ट्रम के संचालन के लिए विधेयक लाने पर विचार करेगी।

सिब्बल ने कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य है कि वर्ष 2017 तक टेलीघनत्व 35 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया जाए। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2020 तक सेवा की उपलब्धता 100 फीसदी करने का लक्ष्य है।

सिब्बल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक विकास के एक प्रमुख इंजन के रूप में उभरा है और तेजी से बढ़ते जन आधारित इस वैश्विक परिदृश्य में भारत को एक नेतृत्व की भूमिका निभानी है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2011 की रूपरेखा इस प्रकार तैयार की गई है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत इस भूमिका को प्रभावी तरीके से निभाए और ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में किफायती और गुणवत्ता आधारित दूरसंचार सेवाओं पर जोर देते हुए त्वरित और समानता आधारित तथा सम्मिलित आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में बदलाव आए।

सिब्बल ने कहा कि दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सम्पर्क को एक आम जरूरत के रूप में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए ब्रॉडबैंड का अधिकार जैसे प्रयास किए गए हैं। उन्नत विशेषताओं वाले मोबाइल उपकरणों, सिम कार्डो के साथ प्रभावी लागत क्षेत्र में स्वदेशी निर्माताओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सिब्बल ने कहा कि नई दूरसंचार नीति-2011 में दूरसंचार क्षेत्रों की जरूरतों और त्वरित विकास के लिए पूंजी गठन और क्षमता निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास के साथ दक्षता के उन्नयन को जारी रखते हुए आईसीटी क्षेत्र में समेकित कुशलता विकास रणनीति पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

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