मुम्बई ।। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2011-12 में विकास दर पहले जताए गए अनुमान आठ फीसदी से कम रहेगी। साथ ही आरबीआई ने कहा कि महंगाई दर ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी और इसका नकारात्मक असर औद्योगिक उत्पादन पर पड़ेगा।

दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की घोषणा करने से पहले आधार दस्तावेज जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, “महंगाई दर ऊंचे स्तर पर बनी हुई है और दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू कारणों से विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ने की चुनौती बनी हुई है।”

रिजर्व बैंक ने कहा कि महंगाई दर के लगातार ऊंचे स्तर पर रहने का निवेश और विकास पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

दस्तावेज में कहा गया कि ऐसी स्थिति में नीति तय करना अधिक जटिल हो गया है। विकास और महंगाई के सम्बंधों और पूर्व में उठाए गए कदम के परिणमों को ध्यान में रखते हुए ही आगे की मौद्रिक नीति तय करनी होगी।

खाद्य महंगाई दर के दहाई अंकों में पहुंचने और थोक कीमतों पर आधारित मासिक महंगाई दर के भी दहाई अंकों के पास बने रहने के कारण अधिकतर विश्लेषकों का अनुमान है कि मंगलवार को रिजर्व बैंक दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति में मुख्य दरों में 25 आधार अंकों की वृद्धि कर सकती है।

रिजर्व बैंक द्वारा मार्च 2010 के बाद से 12 बार मुख्य दरों में वृद्धि करने के बावजूद महंगाई ऊंचे स्तर पर बनी हुई है।

मंगलवार को 13वीं बार दरों में वृद्धि करने से आवास और वाहन ऋण और महंगा हो जाएगा और आर्थिक विकास पर दबाव और बढ़ जाएगा।

रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी दस्तावेज में कहा कि महंगाई दर अभी कुछ और महीनों तक ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी।

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