मुम्बई ।। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने मंगलवार को आईएनएस सुभद्रा पर सवार होकर नौसेना के 81 पोतों और 44 विमानों के भारीभरकम बेड़े का निरीक्षण किया। यह 10वां मौका है जब देश के नौसैन्य बेड़े की राष्ट्रपति द्वारा निरीक्षण किया गया।

पाटील के साथ रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख और चार कैबिनेट मंत्री भी आईएनएस सुभद्रा पर सवार हुए। विशिष्ट समुद्री कमांडो इस पोत की सुरक्षा में तैनात थे।

निगरानी की शुरुआत राष्ट्रपति को 150 जवानों और 21 तोपों की सलामी से हुई। भारतीय सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति ही होता है।

पोतों के काफिले के साथ आगे बढ़ते हुए पाटील ने सबसे पहले आईएएनएस आग्रय का अवलोकन किया। यह एक पनडुब्बी रोधी गश्त के काम आने वाला पोत है। पोत पर सवार चालकों ने अपनी टोपियां उतारी और ‘राष्ट्रपति की जय’ के नारे लगाकर अपनी सर्वोच्च कमांडर के प्रति सम्मान जाहिर किया। पाटील ने जिन-जिन पोतों की समीक्षा की सभी को सलामी का जवाब दिया।

प्रदर्शित 81 युद्धपोतों में देश का एकमात्र विमान वाहक आईएनएस विराट, शिवालिक और तलवार श्रेणी के युद्ध पोत, किलो-श्रेणी की पनडुब्बियां और तट रक्षक के 10 पोत शामिल थे।

इस निरीक्षण में तीन व्यापारिक पोतों, सी कैडेट कोर और 44 विमानों ने भी हिस्सा लिया। इन विमानों में हाल ही में नौसेना में शामिल हुआ मिग 29के भी था, जिसने फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया।

सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर के रूप में पाटील ने इसके पहले लड़ाकू विमान सुखोई में भी उड़ान भरी थी और सेना के युद्धक टैंक की भी सवारी की थी।

इस आयोजन के लिए नौसेना ने समुद्र में व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए थे।

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