नई दिल्ली ।। राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी से बचाने के लिए तमिलनाडु विधानसभा में पारित प्रस्ताव की आड़ में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु का बचाव किया है।


जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवालिया लहजे में कहा, “अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा भी तमिलनाडु की तरह अफजल गुरु के लिए प्रस्ताव पारित कर दे, तो क्या उसी तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आएंगी? मेरा मानना है नहीं।”


अफजल गुरु को संसद पर हुए हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। राष्ट्रपति को दी गई क्षमा याचिका पर गृह मंत्रालय ने हाल ही में टिप्पणी कर दी है कि उसकी याचिका ठुकरा दी जाए।


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की जनता की भावनाओं को राज्य से बाहर उचित तरजीह नहीं मिलती है। कश्मीर घाटी में अफजल गुरु को फांसी का फैसला एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।


जम्मू-कश्मीर सरकार का मानना है कि अगर अफजल को फांसी हुई, तो राज्य में अशांति फैल सकती है।


उमर अब्दुल्ला फांसी की सजा का विरोध करते रहे हैं और वह नहीं चाहते कि अफजल को फांसी देने के बाद राज्य में शांति प्रक्रिया पर असर पड़े।


राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी दिए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट ने आठ हफ्ते की रोक लगा दी है। तीनों हत्यारों की फांसी के लिए नौ सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई थी।

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