बेंगलुरू/हैदराबाद ।। अवैध खनन मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी तथा ओबुलापुरम खनन कम्पनी के निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।


उन्हें हैदराबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


सीबीआई ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सोमवार सुबह जनार्दन रेड्डी तथा बी. श्रीनिवास को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच हैदराबाद लाया गया। वहां उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 19 सितम्बर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बाद में उन्हें चंचलगुड़ा केंद्रीय कारागार भेजा गया।


अदालत ने सीबीआई द्वारा आरोपियों को पुलिस हिरासत में लिए जाने की अर्जी पर सुनवाई के लिए सात सितम्बर की तिथि तय कर दी। सीबीआई 15 दिनों की पुलिस हिरासत चाहती है।


जनार्दन रेड्डी के वकील राघवाचार्य ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश है। उन्हें जनार्दन रेड्डी की गिरफ्तार ‘अवैध’ करार देते हुए कहा कि रेड्डी का नाम सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपियों में शामिल नहीं है। इस पर अदालत ने उन्हें बुधवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।


सीबीआई के वकील ने कहा कि आरोपी साक्ष्य को प्रभावित कर सकते हैं इसीलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।


अदालत परिसर में लाए जाने के बाद जनार्दन रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कहा, “सच्चाई की जीत होगी।”


सीबीआई के संयुक्त निदेशक वी.वी. लक्ष्मीनारायण के नेतृत्व में जांच एजेंसी के 10 सदस्यीय दल ने कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी स्थित उनके आवास पर छापा मारकर सुबह लगभग 6.30 बजे गिरफ्तार कर लिया। उनके बेंगलुरू स्थित घर की भी तलाशी ली गई।


वहीं, जनार्दन के रिश्तेदार श्रीनिवास को आंध्र प्रदेश में अनंतपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। उनके बेल्लारी स्थित आवास पर भी सीबीआई ने छापेमारी की।


सीबीआई ने जनार्दन रेड्डी के कर्नाटक के बेल्लारी स्थित आवास से 30 किलो सोना और तीन करोड़ रुपये जब्त किए। उनके आवास पर की गई छापेमारी में सीबीआई को कई संदेहास्पद दस्तावेज मिले हैं।


सीबीआई ने जर्नादन रेड्डी के हेलीकॉप्टर को भी जब्त किया है। इसकी हालांकि अभी पुष्टि नहीं हुई है। नई दिल्ली में सीबीआई के एक बयान में कहा गया कि श्रीनिवास के परिसर से 1.5 करोड़ रुपये अधिक नकदी और कई संदेहास्पद दस्तावेज बरामद किए गए।


सीबीआई के संयुक्त निदेशक ने कहा, “उन्हें एजेंसी द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। हम इसकी जांच करेंगे और पूछताछ के जरिये और अधिक सबूत एकत्र करेंगे।”


यह गिरफ्तारी कर्नाटक से लगे आंध्र प्रदेश के वनक्षेत्र में अवैध खनन के लिए 2009 में रेड्डी की कम्पनी के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के सम्बंध में हुई है। राजनीतिक रसूख वाले जनार्दन, श्रीनिवास और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और खनन व वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।


केंद्र सरकार ने 2009 के अंत में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री के. रोसैया की सिफारिश पर जनार्दन की कम्पनी के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। हाल ही में कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े ने भी अवैध खनन पर अपनी रिपोर्ट में जनार्दन पर उंगली उठाई थी।


यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब सीबीआई आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई. एस. राजशेखर रेड्डी के बेटे व सांसद वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी की कथित अवैध सम्पत्तियों की जांच कर रही है।


बी.एस. येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में जनार्दन पर्यटन मंत्री थे। लोकायुक्त की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री का भी नाम आया था, जिसको लेकर भारी दबाव के बीच येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जनार्दन के बड़े भाई जी. करुणाकर भी येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में राजस्व मंत्री थे, जबकि उनके छोटे भाई जी. सोमशेकरा बेल्लारी से विधायक हैं।


एक दिन पहले ही उनके करीबी और पूर्व मंत्री बी. श्रीरामुलू ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बताया जाता है कि वह दोबारा मंत्री न बनाए जाने से नाराज थे।


उल्लेखनीय है कि रेड्डी बंधु पहले छोटे व्यवसायी माने जाते थे। लेकिन 10 साल पहले खनन क्षेत्र में प्रवेश करने के साथ ही वे अरबपति बन गए।


आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी तेलुगू देशम पार्टी ने जनार्दन रेड्डी की गिरफ्तारी का स्वागत किया है और जनगमोहन रेड्डी के उनके साथ संबंधों की जांच की मांग की है। इस बीच जगनमोहन रेड्डी ने रेड्डी बंधुओं से किसी प्रकार की संलिप्तता से इंकार किया है।


उधर, जनार्दन रेड्डी की गिरफ्तारी की भाजपा ने जहां निंदा की है और इसे कांग्रेस की साजिश बताया, वहीं कांग्रेस ने पद का दुरुपयोग करने वाले हर किसी के लिए इसे एक सबक बताया है।


भाजपा नेता बलबीर पुंज ने नई दिल्ली में कहा, “यह गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश कांग्रेस में उपजी आंतरिक कलह का विस्तार है। रेड्डी की गिरफ्तारी लगता है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की राजनीति का हिस्सा है।”


दूसरी ओर केंद्रीय कार्पोरेट मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, “यह मंत्री या अधिकारी के पद पर विराजमान हर किसी के लिए सबक है कि उन्हें अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।”


मोइली ने कहा, “चाहे जो भी शामिल हो, जिस भी पार्टी या पद से सम्बंध रखता हो और चाहे जो भी अधिकार रखता हो, उसके साथ कानून अपना काम करेगा।”


 


 


 


 

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