नई दिल्ली ।। सर्वोच्च न्यायालय ने उम्र एवं उपस्थिति पर जे.एम. लिंगदोह समिति की सिफारिशों में छूट देते हुए मौजूदा अकादमिक सत्र के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) का चुनाव कराने की गुरुवार को अनुमति दे दी। 

न्यायामूर्ति ए.के. गांगुली की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने जेएनयूएसयू का चुनाव लड़ने के लिए जरूरी अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष तक बढ़ाते हुए 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त कर दी।

लिंगदोह समिति द्वारा 2006 में की गई सिफारिशों के अनुसार, 28 वर्ष से अधिक उम्र और 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाला कोई भी विद्यार्थी देश में किसी भी विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं है। 

जेएनयू के विद्यार्थियों ने इन दो शर्तो में छूट देने की इस आधार पर मांग की थी कि चूंकि यह खासतौर से एक अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जहां उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।

अक्टूबर 2008 में सर्वोच्च न्यायालय ने जेएनयूएसयू के चुनाव पर रोक लगा दी थी, क्योंकि युनिवर्सिटी में उपस्थिति का कोई मापदंड नहीं है।

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