चेन्नई ।। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने तमिलनाडु में कुडनकुलम और उसके आसपास के इलाकों के लिए 10 सूत्रीय विकास कार्यक्रम का सुझाव दिया है।

इसमें चार लेन वाले राजमार्ग, एक विशाल जलशोधक संयंत्र, मकानों, स्कूलों, अस्पतालों के साथ ही शीतगृहों के निर्माण शामिल है।

कलाम ने रविवार को तिरुनेलवेली जिले में स्थित कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) स्थल का दौरा किया। कलाम का मानना है कि संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित है। कलाम ने एक रपट में कहा है कि 10 सूत्रीय कुडनकुलम पीयूआरए (ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं मुहैया कराना) कार्यक्रम 2015 तक क्रियान्वित हो जाना चाहिए। इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे कुडनकुलम और 60 अन्य पड़ोसी गांवों को लाभ होगा।

कलाम और उनके सलाहकार वी. पोनराज ने 39 पृष्ठों की रपट तैयार की है। पोनराज ने आईएएनएस से कहा कि यह रपट राज्य एवं केंद्र सरकार को सौंपी गई है।

रपट में केंद्र सरकार से कहा गया है कि कुडनकुलम और तिरुनेलवेली जिले के अन्य गांवों को तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी और मदुरै से जोड़ा जाए।

कलाम और पोनराज ने सुझाव दिए हैं कि जो उद्योग लगभग 10,000 लोगों को सीधे रोजगार उपलब्ध करा सकें, उन्हें कुडनकुलम के 30-60 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए और युवाओं को अपने खुद के व्यापार शुरू करने के लिए सस्ते ऋण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

उन्होंने कुडनकुलम और आसपास के इलाकों में तटीय लोगों के लिए हरित आवास, कॉलोनियों के निर्माण के भी सुझाव दिए हैं। मछुआरा समुदाय के लाभ के लिए छोटे घाटों, मत्स्य प्रसंस्करण इकाइयों, शीत गृहों के निर्माण किए जाने चाहिए।

आबादी को पेयजल मुहैया कराने के लिए कलाम ने 10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला जल शोधन (विलवणीकरण) संयंत्र लगाने और पीने के लिए तथा कृषि के लिए पेचिपाराई बांध से पानी लाने के भी सुझाव दिए हैं।

रपट में कुडनकुलम इलाके में 500 बिस्तरों वाले एक अस्पताल का निर्माण करने, सभी गांवों में टेलीमेडिसिन अस्पतालों की स्थापना, और निदान सम्बंधी जांच की सुविधा वाले दो सचल अस्पतालों की व्यवस्था करने की भी सिफारिश की गई है।

छात्रावास की सुविधा वाले पांच राज्य बोर्ड एवं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूलों की स्थापना, ब्राडबैंड कनेक्शन व आपदा प्रबंधन केंद्र के प्रावधान तथा युवाओं का चयन कर उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उचित प्रशिक्षण वाली उच्च शिक्षा के प्रावधान, रपट के अन्य सुझावों में शामिल हैं।

रपट के अनुसार, सरकार को स्थानीय आबादी के साथ मशविरा कर अन्य योजनाएं भी शुरू करनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि वह कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र के बारे में लोगों को उचित सूचनाएं मुहैया कराकर उनके भय दूर करे।

रपट में आगे कहा गया है कि केंद्र सरकार को राज्य सरकार के साथ मिलकर कुडनकुलम में विद्युत उत्पादन शुरू करना चाहिए, जिसमें दुनिया के सबसे सुरक्षित रिएक्टर लगे हुए हैं।

ज्ञात हो कि भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईए) रूसी प्रौद्योगिकी और उपकरणों के साथ कुडनकुलम में 1,000 मेगावॉट के दो परमाणु विद्युत रिएक्टर लगा रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों को भय है कि रिएक्टर में किसी दुर्घटना की स्थिति में आबादी पर उसका दीर्घकालिक असर होगा।

स्थानीय ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन के कारण परियोजना स्थल पर कार्य पूरी तरह ठप्प हो गया है।

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