चेन्नई ।। पूर्व राष्ट्रपति ए. पी.जे. अब्दुल कलाम ने रविवार को तमिलनाडु में तिरुनेलवेली जिला स्थित कुडनकुलम परमाणु परियोजना स्थल का दौरा किया और कहा कि संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित और ‘लोगों के लिए वरदान’ है।

राज्य सरकार ने भी संयंत्र की सुरक्षा को लेकर चिंतित आस-पास के ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुए इसे हटाने की मांग की थी जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी.नारायणसामी ने जोर देते हुए कहा कि यह संयंत्र देश में सबसे अधिक सुरक्षित है, चिंता की कोई बात नहीं है।

परियोजना स्थल पर संवाददताओं से बातचीत में कलाम ने कहा कि तीसरी पीढ़ी के परमाणु रिएक्टर पूरी तरह सुरक्षित और लोगों के लिए वरदान है।

उन्होंने कहा, “परमाणु संयंत्र सही ऊंचाई पर बना है और इसे सुनामी का कोई खतरा नहीं है।”

उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए बिजली बहुत जरूरी है।

कलाम ने यह भी कहा कि वह यहां एक तकनीकी विशेषज्ञ की हैसियत से आए हैं, न कि संयंत्र की सुरक्षा को सत्यापित करने वाले मध्यस्थ के रूप में।

उन्होंने चेन्नई से लगभग 650 किलोमीटर दूर तिरुनेलवेली जिले में स्थापित किए जा रहे दो रूसी रिएक्टरों के सुरक्षा उपायों का जायजा भी लिया।

कलाम बिजली उत्पादन के लिए संयंत्र को शुरू करने की वकालत कर रहे एक समूह से भी मिले।

गौरतलब है कि स्थानीय लोग संयंत्र को अपने लिए असुरक्षित बताते हुए इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं।

कलाम के सलाहकार वी. पोनराज ने फोन पर आईएएनएस से कहा, “वह कुडनकुलम में परमाणु रिएक्टरों की सुरक्षा को लेकर संतुष्ट हैं। संयंत्र में सुरक्षा प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है। यहां रिएक्टर को ताप मुक्त करने वाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली लगाई गई है।”

उन्होंने कहा कि कलाम सुरक्षा उपाय ‘कोर कैचर’ से संतुष्ट हैं। दुर्योगवश यदि दुर्घटना हुई तो रिएक्टर कोर उस पर काबू पाने में सक्षम है।

कलाम के साथ न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक एस. के. जैन भी थे।

इस बीच, नारायणसामी ने कहा कि कुडनकुलम परियोजना विश्व की सबसे सुरक्षित परियोजनाओं में से एक है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सच तो यह है कि सभी सुरक्षा उपायों का पूरा ध्यान रखा गया है। यहां चार स्तरीय सुरक्षा उपाय किए गए हैं।”

नारायणसामी ने कहा कि कुडनकुलम वह स्थान है जो सुनामी के प्रभाव को आसानी से झेल सकता है।

उल्लेखनीय है कि कुडनकुलम में रूसी तकनीक एवं उपकरणों की सहायता से 1,000 मेगावाट के दो परमाणु रिएक्टर बनाए जा रहे हैं। पहली इकाई के दिसंबर तक तैयार हो जाने की संभावना है। इस परियोजना की आनुमानित लागत लगभग 13,160 करोड़ रुपये है।

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