श्रीनगर ।। एक स्थानीय ट्रैवेल एजेंसी की वजह से 500 से अधिक कश्मीरी इस वर्ष हज यात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने ट्रैवल एजेंसी को सारे खर्च का भुगतान किया, लेकिन अंत में वह पीछे हट गई।

दर्जनों ऐसे स्थानीय लोगों ने सोमवार को श्रीनगर के रेजीडेंसी मार्ग स्थित प्रेस एन्क्लेव पर जमा होकर ऐसे एजेंटों के खिलाफ प्रदर्शन किया। हज यात्रा के इन इच्छुकों ने पवित्र धार्मिक अनुष्ठान के लिए सऊदी अरब जाने हेतु एक वर्ष पहले ही एक स्थानीय ट्रैवल एजेंसी को सभी खर्चो का भुगतान कर दिया था।

ऐसे ही एक पीड़ित इश्तियाज अहमद (44) ने कहा, “हज पर जाने का समय जब महज 10 दिन रह गया है, तब हमें बताया गया कि हमारे यात्रा दस्तावेज समय के भीतर स्वीकृत नहीं किए जा सकते।”

अहमद ने कहा, “मैंने इस वर्ष की हज यात्रा के लिए अपना और अपनी पत्नी का पूरा खर्च पिछले साल ही दे दिया था। यदि कोई इस तरीके से लोगों को धोखा दे, तो यह एक त्रासदी ही है।”

ऐसा पहली बार हुआ है, जब निजी ट्रैवल एजेंटों ने हज यात्रा कराने का काम शुरू किया है, और इस तरह की एक घटना घटी है। इस घटना से कई कश्मीरी चकित हैं।

हास्यास्पद स्थिति यह है कि एजेंसी ने जिन लोगों को हज यात्रा के लिए इंकार किया है, उनमें से अधिकांश ने हज जाने से पहले होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों को पूरा कर लिया है, रिश्तेदारों से मुलाकात कर ली है और विदाई समारोहों में शिरकत कर ली है।

एक अन्य नाराज हज इच्छुक ने कहा, “इस घटना से हमारा उपहास हुआ है।”

इस बीच ट्रैवल एजेंट ने सोमवार को कुछ स्थानीय अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन जारी कर सऊदी अरब दूतावास से वीजा हासिल करने में अपनी विफलता के लिए गहरा खेद प्रकट किया है।

यही नहीं ट्रैवल एजेंटों ने उन्हीं विज्ञापनों में यह भी कहा है कि वे अब हज के बदले ‘उमराह’ (वर्ष में किसी भी समय मक्का की यात्रा) के लिए बंदोबस्त करेंगे।

एक स्थानीय अखबार के सम्पादक शमीम मेराज ने कहा, “हाजी बनने के इच्छुक व्यक्ति से किसी की भला यह कहने की हिम्मत कैसे हो सकती है कि वह हज के बदले उमराह के लिए बंदोबस्त करेगा? यह तो हद हो गई।”

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