कोलकाता ।। नक्सली विचारक पी. वरवारा राव ने शीर्ष नक्सली नेता किशनजी की मौत को एक बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि नक्सली आंदोलन इससे अप्रभावित रहेगा क्योंकि उन्होंने उनकी जगह लेने के लिए कई नेता तैयार कर दिए थे।
राव ने आंध्र प्रदेश से फोन पर आईएएनएस से कहा, “यह एक बड़ी क्षति है। वह नक्सली आंदोलन को खड़ा करने वाले एक बड़े नेता थे। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया था।”
उन्होंने कहा, “नक्सल आंदोलन इससे अप्रभावित रहेगा क्योंकि उन्होंने भविष्य के नेताओं के रूप में अनेक नक्सली कार्यकर्ताओं को तैयार कर लिया था। उनके बाद उन्हीं में से कोई इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगा।”
राव ने कहा, “किशनजी एक बड़े नेता, एक रणनीतिकार थे। उनमें साहित्यिक क्षमताएं भी थीं। वह जनता से बहुत अच्छी तरह जुड़ सकते थे। उन्होंने अपने भाई के साथ सैकड़ों लोगों को नक्सल आंदोलन की ओर आकर्षित किया।”
किशनजी को अपना आदर्श मानने वाले राव ने कहा, “उनका मीडिया से अच्छा रिश्ता रहा है। उनके नेतृत्व की कमी महसूस की जाएगी लेकिन आंदोलन आगे बढ़ेगा।”
किशनजी को पश्चिम बंगाल में नक्सल आंदोलन खड़ा करने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने कहा, “आंध्र प्रदेश में नक्सली नेताओं के साथ काम करने के बाद वह 1990 में बंगाल चले गए थे। तब से वह वहां आंदोलन खड़ा कर रहे थे। आंध्र प्रदेश और झारखण्ड के बाद उन्होंने साबित किया कि बंगाल भी नक्सल आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र हो सकता है।”
राव ने कहा, “बंगाल में नक्सल आंदोलन के दशकों बाद किशनजी ही राज्य में वाम आंदोलन को वापस लाए।”