झारग्राम/कोलकाता ।। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले के जंगली इलाके में शीर्ष नक्सली नेता मलोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के मारे जाने के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को अन्य नक्सलियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया।

इस बीच, किशनजी की मौत को लेकर सवाल उठने लगे हैं। आंध्र प्रदेश के क्रांतिकारी कवि पी. वारवरा राव और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (भाकपा-माओवादी) ने किशनजी को ‘यातनाएं देने और उनकी हत्या’ का आरोप लगाया। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने किशनजी के मौत की जांच कराने की मांग की।

अधिकारियों ने बताया कि भाकपा-माओवादी के पोलितब्यूरो का सदस्य किशनजी बुरीशोले में गुरुवार दोपहर बाद हुई मुठभेड़ में मारा गया। पत्रकारों को गुरुवार रात गोलियों से छलनी 55 वर्षीय किशनजी का शव दिखाया गया। किशनजी के चेहरे का एक हिस्सा गोली लगने से विकृत हो गया था। उसके शव के पास ही एक-47 राइफल, मैगजीन पड़ी थी।

इस बीच 1000 से अधिक अर्धसैनिक बलों के जवान और पुलिस ने शुक्रवार को खोजी कुत्तों और बारूदी सुरंग विरोधी उपकरणों के साथ बुरीशोल के आस-पास गांवों और जंगलों में नक्सलियों के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया। ये नक्सली किशनजी और एक महिला के साथ थे। सुरक्षा बलों ने इस इलाके के सभी गांवों और जंगलों की घेराबंदी की।

ज्ञात हो कि महिला सुचित्रा नक्सली नेता सशधर महतो की विधवा है। सशधर गत मार्च में मारा गया। माना जाता है कि मुठभेड़ में सुचित्रा भी घायल हुई लेकिन वह फरार होने में कामयाब हो गई।

तलाशी अभियान में सुरक्षा बलों को दो बैग मिले हैं। माना जाता है कि ये दोनों बैग किशनजी और सुचित्रा के हैं। बैग से मोबाइल फोन, 85 हजार रुपये नकद, कई सिम कार्ड, दवाएं, पत्र, एक कम्प्यूटर हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और दस्तावेज बरामद हुए।

शव की पहचान के लिए आंध्र प्रदेश से किशनजी की भतीजी दीपा के साथ कोलकाता पहुंचे राव ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “उसे परसों (बुधवार को) गिरफ्तार किया गया था, पुलिस ने उसे हिरासत में रखा और यातनाएं दीं। इसके बाद उसे फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया।”

सुरक्षा एजेंसियों का हालांकि कहना है कि किशनजी गुरुवार को पश्चिमी मिदनापुर जिले के बुरीशोले गांव में 30 मिनट तक दोनों पक्षों की ओर से हुई गोलीबारी में मारा गया।

किशनजी का शव पोस्टमार्टम के लिए मिदनापुर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में ले जाया गया है। राव ने किशनजी की हत्या का दावा करते हुए इसकी जांच कराने की मांग की।

कोलकाता पहुंचने से पहले नक्सली विचारक राव ने फोन पर आईएएनएस को बताया कि किशनजी की मौत एक बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि नक्सली आंदोलन इससे अप्रभावित रहेगा क्योंकि उन्होंने उनकी जगह लेने के लिए कई नेता तैयार कर दिए थे।

वहीं, पुलिस ने किशनजी की हत्या के आरोपों को खारिज किया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक विनीत गोयल ने झारग्राम में कहा, “इस तरह के दावे करना कुछ लोगों की आदत होती है।”

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के निदेशक के. विजय कुमार ने कहा कि नक्सली एक अभियान में मारा गया। जब हम बड़ी संख्या में मारे जाएं तो यह ठीक है लेकिन जब हम उन्हें मारते हैं तो यह फर्जी मुठभेड़ हो जाता है।” 

नक्सलियों ने ‘फर्जी’ मुठभेड़ के विरोध में पश्चिम बंगाल में शनिवार से दो दिनों के बंद का आह्वान किया है। 

‘यातना देने के बाद हुई किशनजी की हत्या’ 

भाकपा-माओवादी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में उसके नेता किशनजी को गिरफ्तार किए जाने के बाद ‘प्रताड़ित किया गया और क्रूरता पूर्वक उनकी हत्या की गई।’ 

प्रतिबंधित संगठन ने एक बयान में कहा, “यह हत्या भाकपा-माओवादी प्रवक्ता आजाद की जुलाई 2010 में हुई हत्या के जैसा है। आजाद को भी क्रूरता पूर्वक प्रताड़ित करने के बाद उनकी हत्या की गई थी। आजाद उस समय एक वार्ताकार के जरिए केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे थे।”

बयान के मुताबिक, “इन परिस्थितियों में पश्चिमी मिदनापुर जिले के बुरीसोल जंगल में एक भीषण मुठभेड़ की कहानी एक कुचक्र मालूम पड़ती है।”

किशनजी की मौत की जांच हो : दासगुप्ता

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ सांसद गुरुदास दासगुप्ता ने केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को फोन कर शीर्ष नक्सली नेता किशनजी की मौत की जांच कराए जाने की मांग की।

दासगुप्ता ने बाद में दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि पुलिस का दावा है कि किशनजी की मौत मुठभेड़ में हुई। उन्होंने कहा, “लेकिन मेरे पास जानकारी है कि किशनजी को गुरुवार की दोपहर 12 बजे गिरफ्तार किया गया और उसके बाद पुलिस ने उनकी नृशंस हत्या की।”

उन्होंने कहा, “मैंने यह नहीं कहा है कि जो रपटें मुझे मिली हैं वे सही हैं। मैंने किशनजी की मौत की जांच कराए जाने की मांग की है। मैंने मांग की है कि उनके शव का पोस्टमार्टम और शव को उनके करीबी लोगों को सौंपने की व्यवस्था की जाए।”

अंतिम संस्कार करना चाहता है परिवार

किशनजी के परिवार वालों ने सरकार से दरख्वास्त की है कि वह उन्हें किशनजी का शव सौंप दे क्योंकि वे उन्हें अंतिम बार देखना व उनका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। वैसे किशनजी के परिवार की उनसे तीन दशक से मुलाकात नहीं हुई थी।

किशनजी की मां मधुरम्मा को जब अपने बेटे की मौत की सूचना मिली तो वह बुरी तरह टूट गईं। तेलंगाना क्षेत्र के करीम नगर जिले के पेडापल्ली स्थित किशनजी के घर में शोक का माहौल है। 

किशनजी के बड़े भाई अंजनेयुलु ने बताया, “वह कभी भी घर नहीं लौटा और हमसे उसका कोई सम्पर्क नहीं था। हमारा सरकार से अनुरोध है कि वह उसका शव हमें सौंप दे ताकी हम उसे अंतिम बार देख सकें और अपनी परम्पराओं के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर सकें।”

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