डायमंड हार्बर (पश्चिम बंगाल) ।। पश्चिम बंगाल में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 171 हो गई। इस बीच करीब 90 लोग अब भी अस्पताल में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया, “अब तक 171 लोगों की मौत हो चुकी है। लगभग 90 लोग अभी भी अस्पताल में हैं।”

दक्षिणी 24 परगना जिले के संग्रामपुर में जहरीली शराब पीने से मरने वालों में ज्यादातर रिक्शा खींचने वाले व श्रमिक हैं।

इस दर्दनाक घटना के तीन दिन बाद सरकार ने डायमंड हार्बर क्षेत्र के प्रभारी आबकारी अधिकारी राजेश्वर पांडेय को सही तरीके से अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए निलम्बित कर दिया है।

इसकी घोषणा दक्षिणी 24 परगना जिले के जिलाधिकारी एन.एस. निगम ने की। पांडेय के स्थान पर अभिजीत हालदार को नियुक्त किया गया है।

पुलिस, आबकारी विभाग एवं अपराध शाखा के साथ की गई संयुक्त कार्रवाई में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकार कुल 12 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन मामले के प्रमुख संदिग्ध कालू सिरा, बादशाह और बक्का फरार हैं।

इससे पहले दक्षिणी कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में पिछले शुक्रवार को लगी भीषण आग में 93 लोग मारे गए थे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से संग्रामपुर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। संग्रामपुर कोलकाता से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। संग्रामपुर डायमंड हार्बर उप-प्रखंड मुख्यालय के तहत आता है।

पीड़ितों ने मंगलवार रात संग्रामपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित कुछ अवैध शराब भट्टियों से शराब लेकर पी थी। शराब में एक जहरीला रसायन मौजूद था, इसलिए उसे पीने के बाद लोग बीमार पड़ने लगे।

यह देश की सबसे भयावह जहरीली शराब त्रासदियों में से एक है। इससे पहले 1992 में ओडिशा में जहरीली शराब पीने से 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके बाद 2009 में गुजरात में ऐसी ही घटना में 136 लोग मारे गए।

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