चेन्नई ।। मुख्यमंत्री जे. जयललिता से अपने हितों की रक्षा का आश्वासन मिलने के बाद प्रस्तावित कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने पिछले 10 दिनों से जारी अपना अनशन खत्म करने का फैसला किया।

कोस्टल पीपुल्स फेडरेशन के समन्वयक एम. पुष्परायण ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि हमारे हितों को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। हमने उनसे यह भी आग्रह किया कि देश में ऊर्जा की एक नीति तय करने के मुद्दे को वह केंद्र सरकार के समक्ष उठाए।”

उन्होंने कहा कि हमने अनशन खत्म कर दिया है लेकिन यह गुरुवार से प्रभावी होगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात पर भी सहमत हो गईं कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे।

न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) तिरूनेलवेली जिले में रूसी तकनीक की मदद से 1000 मेगावाट के दो परमाणु बिजली रिएक्टर स्थापित कर रही है। इसकी पहली इकाई के दिसम्बर से काम शुरू कर देने की सम्भावना है।

पुष्परायण ने कहा कि जयललिता ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि परमाणु ऊर्जा केंद्र का विषय है लेकिन इसके बावजूद परियोजना को अस्थायी तौर पर रोकने के लिए हम मंत्रिमंडल से प्रस्ताव पारित करेंगे।

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने हमें उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए भी आमंत्रित किया है, जो इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिलेगा।”

इस परियोजना के विरोध में आंदोलन कर रहे स्थानीय लोगों ने बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की।

मुख्यमंत्री जे. जयललिता से मुलाकात के बाद संयंत्र के विरोध में पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के समन्वयक एस. पी. उदयकुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री ने हमसे अनशन स्थगित करने का आग्रह किया है। हम अपना अनशन खत्म कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि वह गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाएंगी जिसमें परियोजना स्थगित करने के सिलसिले में केंद्र से आग्रह करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय भी मांगा जाएगा।”

उन्होंने कहा, “हम अपना अनशन खत्म कर रहे हैं लेकिन सरकार पर दबाव बनाए रखने का सिलसिला जारी रहेगा। समिति जयललिता के सम्पर्क में रहेगी और अपना संघर्ष जारी रखेगी।”

प्रदर्शनकारियों से मिलने से पहले जयललिता ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद नारायणसामी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के लिए अपना संदेश दिया है। मैं उसे प्रधानमंत्री तक पहुंचा दूंगा।”

इस परियोजना को स्थगित करने के लिए जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मंगलवार को पत्र लिखा था। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने परियोजना स्थल का दौरा कर स्थानीय लोगों से बात की।

कुडनकुलम के नजदीक इंदिनथाकारी गांव में पिछले 10 दिन से 100 से अधिक लोग परियोजना के विरोध में अनशन कर रहे हैं। परमाणु बिजली संयंत्र के खिलाफ इस आंदोलन को लगातार समर्थन मिल रहा है।

संयंत्र को लेकर अचानक किए जा रहे प्रदर्शन के बारे में कुमार ने कहा, “पिछले करीब 10 साल से लोग इस संयंत्र के दुष्परिणामों से वाकिफ थे। लेकिन जापान में सुनामी के बाद फुकुशिमा संयंत्र में हुई तबाही के बाद इस खतरे और अधिक समझा गया।”

उन्होंने कहा कि इसका एक अन्य कारण संयंत्र के 500 मीटर के दायरे में मछली पकडने पर लगा प्रतिबंध है, जिससे मछुआरे परेशान हैं।

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