चेन्नई ।। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना (केएनपीपी) के खिलाफ जारी क्रमिक अनशन मंगलवार को 50वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच पूर्व नौसेना प्रमुख एल.रामदास ने मंगलवार को अनशन स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 

केएनपीपी के खिलाफ आंदोलन के तीसरे चरण में तिरुनेलवेली और अन्य पड़ोसी जिलों के ग्रामीण क्रमिक अनशन में हिस्सा ले रहे हैं। अनशन कुडनकुलम के पास इडिनथाकरै गांव में चल रहा है।

परमाणु ऊर्जा विरोधी आंदोलन (पीएमएएनई) के एक नेता और तटीय जन परिसंघ के संयोजक एम.पुष्परायन ने आईएएनएस से कहा, “आज (मंगलवार) इडिनथाकरै में क्रमिक अनशन का 50वां दिन है। पूर्व नौसेना प्रमुख रामदास और उनकी पत्नी अनशन स्थल पर उपस्थित हुए हैं। क्रमिक अनशन 18 अक्टूबर को शुरू हुआ था।”

भारतीय परमाणु विद्युत निगम (एनपीसीआईएल) कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट के दो रिएक्टर लगा रहा है।

ग्रामीण इस बात को लेकर आशंकित हैं कि किसी परमाणु दुर्घटना की स्थिति में उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है और स्थानीय आबादी पर परमाणु संयंत्र का दीर्घकालिक असर होगा।

16 अगस्त से शुरू ग्रामीणों के आंदोलन से परियोजना का काम रुक गया है, जिसके कारण पहली इकाई के शुरू होने में कई महीने की देरी हो गई है। इससे परियोजना की लागत भी बढ़ती जा रही है। परियोजना की लागत 13,171 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी।

संयंत्र को बंद करने की लड़ाई लड़ रहे संगठन, जनाधिकार आंदोलन के समन्वयक एस. शिवसुब्रह्मण्यम ने आईएएनएस से कहा, “पांचाल, इडिनथाकरै और कुडनकुलम के लोग आज के अनशन में हिस्सा ले रहे हैं। इडिनथाकरै में एक जुलूस भी निकाला जाएगा।”

इस बीच पीएमएएनई द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति तमिलनाडु सरकार को जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली है। 

पुष्परायन ने कहा, “हमारी समिति के सदस्य फिलहाल केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा दी गई 38 पृष्ठों की रपट का अध्ययन कर रहे हैं।”

परियोजना का विरोध शुरू होने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने इस मुद्दे पर दो समितियां गठित की थी। राज्य सरकार की समिति में पीएमएएनई के प्रतिनिधि है, जो कि परमाणु संयंत्र के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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