चेन्नई ।। तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के विरोध में तीन से पांच माह के करीब 40 शिशु एक घंटे के लिए उपवास रखेंगे। ऐसा दुनिया की सात अरब आबादी को सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने की जरूरत उजागर करने के लिए होगा।

संयंत्र के खिलाफ आंदोलनरत कोस्टल पीपुल्स फेडरेशन के समन्वयक एम. पुष्पारायण ने आईएएनएस से कहा, “आज जबकि दुनिया सात अरबवें बच्चे के जन्म पर खुशी मना रही है, हम यह बात सामने लाना चाहते हैं कि पृथ्वी हमारे बच्चों के जीने के लिए सुरक्षित बनी रहे। इसलिए तीन से पांच महीने के बच्चे अपनी मांओं के साथ कुडनकुलम के नजदीक इदिंथाकराई गांव में एक घंटे के लिए उपवास रखेंगे।”

न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) यहां रूसी तकनीक और उपकरण से 1,000 मेगावॉट के दो परमाणु बिजली रिएक्टरों का निर्माण कर रही है। एक साल पहले ही ग्रामीणों ने एनपीसीआईएल के अधिकारियों का इसके लिए स्वागत किया था, लेकिन अब उनका कहना है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में उनके जीवन को खतरा हो सकता है।

इस बीच, परियोजना के विरोध में जारी क्रमिक भूख हड़ताल मंगलवार को 15वें दिन में प्रवेश कर गयी।

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