नई दिल्ली ।। संसद के शीतकालीन अधिवेशन के दूसरे दिन बुधवार को भी समूचे विपक्ष ने विभिन्न मसलों पर एकजुट और आक्रामक रुख बरकरार रखा। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्यों द्वारा मूल्य वृद्धि पर नारेबाजी करने पर लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र के सदस्यों ने पृथक राज्य के मांग करने वाली तख्तियां उठा रखी थीं।

वाम दलों ने लोकसभाध्यक्ष से मूल्य वृद्धि पर उनका स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने का अनुरोध किया है जबकि सरकार नियम 193 के अधीन इस पर चर्चा कराने को तैयार है। इस नियम के तहत मतदान का प्रावधान नहीं है।

चर्चा को बुधवार के कामकाज की सूची में शामिल किया गया था लेकिन अध्यक्ष ने सम्भवत: स्थगन प्रस्ताव की बात नहीं मानी। मंगलवार को भी लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका था।

लोकसभा में सुबह 11 बजे जैसे ही कार्यवाही आरम्भ हुई वामपंथी दलों के सदस्य मूल्य वृद्धि के मसले पर चर्चा कराने की मांग करने लगे। वहीं दूसरी ओर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर हाथों में तख्तियां लिए हंगामा कर रहे थे। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सदस्य समाचार पत्र की प्रतियां लिए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वे क्या मुद्दा उठाना चाहते थे।

हंगामे व नारेबाजी की वजह से लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। जब दोबारा सदन की कार्यवाही आरम्भ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही। हंगामा न थमता देख लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

वाम दलों ने मूल्य वृद्धि के मसले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था। वे मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा चाहते थे जबकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। सरकार नियम 193 के अधीन इस पर चर्चा कराने को तैयार है। इस नियम के तहत मत विभाजन का प्रावधान नहीं है।

केंद्र सरकार के संकटमोचक केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस सिलसिले में वामपंथी दलों से बुधवार को मश्विरा भी किया था लेकिन वामपंथी दल अपने रुख पर अड़े हुए हैं। चर्चा को बुधवार के कामकाज की सूची में शामिल किया गया था लेकिन अध्यक्ष ने सम्भवत: स्थगन प्रस्ताव की बात नहीं मानी। मंगलवार को भी लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका था।

उधर, राज्यसभा में भी यही स्थिति थी। विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक दलों के सदस्यों के हंगामे व नारेबाजी की वजह से सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

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