बेंगलुरू, Hindi7.com ।। भाजपा का दक्षिण भारत में भगवा झंडा लहराने का सपना कर्नाटक में सत्ता पाने के साथ ही जोर मारने लगा था, लेकिन जब से भाजपा इस दक्षिण राज्य की सत्ता पर काबिज हुई है, तभी से कुछ न कुछ ऐसी राजनीतिक हलचल मचती चली आ रही है, जिससे भाजपा के सपने बिखरते नजर आने लगते हैं।

कर्नाटक में खानों में गैरकानूनी तरीके से हो रही खुदाई के मामले में लोकायुक्त की अंतिम रिपोर्ट लीक होने के बाद से मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर अपने पद को छोड़ने का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। अब माना जा रहा है कि वह भी भाजपा के इस किले को बचाए रखने के लिए सत्ता में बदलाव के लिए तैयार हो गये हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि आलोचनाओं से बुरी तरह घिर चुके येदियुरप्पा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में येदियुरप्पा अपने भरोसेमंद सहयोगी और राज्य की ऊर्जा मंत्री शोभा करंदलाजे को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप सकते हैं।

कर्नाटक के लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में येदियुरप्पा के अलावा उनके कैबिनेट के चार मंत्रियों को अवैध खनन के मामले में दोषी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 14 महीनों के अंतराल में अवैध खनन से राज्य को करीब 1827 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके चार मंत्रियों का नाम घोटाले में आने के बाद से कांग्रेस लगातार उनसे इस्तीफा मांग रही है। उधर, भाजपा बचाव की मुद्रा में आ चुकी है। भ्रष्टाचार के ऊपर यूपीए को घेरने वाली भाजपा को अब अपनी गर्दन फंसती नजर आ रही है। ऐसे में भाजपा भी येदियुरप्पा का बलिदान कर भ्रष्टाचार के ऊपर अपने लड़ाई को धार देना चाहती है।

लोकायुक्त एन. संतोष हेगड़े की अंतिम रिपोर्ट बुधवार को लीक हुई थी। इसके अनुसार, घोटाले के लिए मुख्यमंत्री, उनके रिश्तेदार और विदेशी सहयोगियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु, पर्यटन मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी, उनके भाई व राजस्व मंत्री जी. करुणाकर रेड्डी और आवासन मंत्री वी. सोमन्ना समेत कुल 600 अफसरों को दोषी पाया गया है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अभी मॉरिशस, सिंगापुर और थाईलैंड की यात्रा पर हैं, जिसके कारण लोकायुक्त रिपोर्ट पर उनका रुख स्पष्ट नहीं हो सका है। वे 25 जुलाई को स्वदेश लौटने वाले हैं।

इस रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल [एस] नेता एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस के सांसद अनिल लाड को भी दोषी बताया गया है। जस्टिस हेगड़े ने रिपोर्ट लीक होने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हुई जानकारियां तकरीबन सही हैं। माना जा रहा था कि वे आज मुख्य सचिव एसवी रंगनाथ को अपना रिपोर्ट सौंप देंगे।

जस्टिस हेगड़े ने कहा है कि रिपोर्ट अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुई है। मेरा कार्यकाल दो अगस्त तक है, तब तक मैं मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंप दूंगा। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह रिपोर्ट स्वीकार करती है या नहीं।

हेगड़े ने यह भी कहा कि रिपोर्ट के पक्ष में उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। उधर, श्रीरामुलु और कुमारस्वामी ने कहा है कि वे किसी भी तरह के जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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