नई दिल्ली ।। लोकपाल विधेयक का परीक्षण करने वाली संसद की स्थायी समिति ने सदस्यों की असहमति के बीच विधेयक के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। असहमति दर्ज कराने वालों में कांग्रेस के तीन सांसद भी हैं।

समिति अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि असहमति दर्ज कराने वाले कांग्रेस के तीन सदस्यों में दीपा दासमुंशी, पी. टी. थॉमस और मीनाक्षी नटराजन शामिल हैं। स्थायी समिति में शामिल तीनों सदस्यों ने समूह-सी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग की है।

समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाए जाने के मुद्दे को संसद पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों ने जो असहमतियां दर्ज कराई हैं, उन्हें रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का विरोध किया है। उन्होंने लोकपाल की सभी समितियों में दलितों, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की मांग की है।

सूत्रों ने हालांकि कहा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने को लेकर समिति में आम सहमति है।

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