नई दिल्ली ।। लोकपाल विधेयक के मसौदे पर विचार विमर्श कर रही संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को कहा कि इसे संसद में पेश करने में अधिक से अधिक दो दिन की देरी होगी।

सिंघवी ने कहा, “देरी की वजह कुछ और नहीं, बल्कि प्रक्रिया सम्बंधी कारण हैं।” उन्होंने इसकी कोई निश्चित तिथि बताने से इंकार कर दिया कि मसौदा कब संसद में पेश किया जाएगा, लेकिन कहा कि देरी मसौदा रिपोर्ट के अनुवाद, मुद्रण तथा जिल्दबंद करने की वजह से हो रही है।

उन्होंने कहा, “यदि मसौदा रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में सौंपी जाती है तो देरी कहां है और किस देरी की आप बात कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सौंपने की पूर्व निर्धारित तिथि सात दिसम्बर थी और दो दिन के प्रक्रियात्मक विस्तार को देरी नहीं कहा जा सकता।

कांग्रेस नेता सिंघवी का बयान अन्ना हजारे द्वारा प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर 11 दिसम्बर को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर सामने आया है। उन्होंने 22 दिसम्बर को समाप्त हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले लोकपाल विधेयक पारित नहीं किए जाने पर 27 दिसम्बर से पांच जनवरी के बीच आंदोलन की धमकी भी दी है।

हजारे और उनके समर्थकों ने विधेयक के मसौदे पर समिति की अनुशंसाओं पर भी असंतोष जताया है। इस पर सिंघवी ने कहा, “आपको क्या लगता है कि हम यह रिपोर्ट किसी को या सभी को खुश करने के लिए लिख रहे हैं? आपसे किसने कहा कि हम यह रिपोर्ट किसी व्यक्ति, संगठन या सभी संगठनों तथा व्यक्तियों को खुश करने के लिए लिख रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “समिति ने यह रिपोर्ट हमारी अंतरात्मा को संतुष्ट करने और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर तैयार की है। यदि यह समिति लोकपाल पर आपके (अन्ना हजारे) या किसी अन्य के मसौदे पर केवल ठप्पा लगाने के लिए है तो इसे स्थापित करने की जरूरत क्या थी?”

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here