नई दिल्ली ।। गांधीवादी अन्ना हजारे ने गुरुवार को साफ किया कि वह फिलहाल अनशन तोड़ने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि “जन लोकपाल पर यदि संसद में चर्चा शुरू हो जाती है, तो वह अपना अनशन तोड़ने पर विचार करेंगे, लेकिन जब तक सारे मुद्दों पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

जन लोकपाल सहित अरुणा राय के विधेयक और सरकारी विधेयक पर सदन में चर्चा कराने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पेशकश के जवाब में अन्ना हजारे ने कहा कि “संसद में जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा शुरू हो, तो हम अपना अनशन तोड़ने पर विचार करेंगे।” लेकिन हमारी तीन मुख्य मांगे हैं। राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, निचले स्तर के अधिकारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाना और नागरिक चार्टर। यह तीनों ही मांग गरीबों के लिए हैं। इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जब तक सहमति नहीं बनती है, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।”

अन्ना हजारे के कहा कि “इस मुद्दे पर विपक्षी दल मौन क्यों हैं? इन सबके दिल में है कि जन लोकपाल नहीं आना चाहिए, नहीं तो सत्ता हाथ से निकल जाएगी।”

प्रधानमंत्री और पूरी संसद द्वारा अन्ना हजारे के स्वास्थ्य पर चिंता जताए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि “इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं, की मेरे स्वास्थ्य की चिंता आज उन्हें हुई। अन्ना के स्वास्थ्य की चिंता है उन्हें, तो 10 दिनों से कहां थे। दरअसल, चिंता उन लोगों को है, जो यहां आए हुए हैं। एयर कंडीशन में बैठने वालों को चिंता नहीं है।”

लोकसभा में भ्रष्टाचार के मसले पर हुई चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि “मैं अन्ना को सलाम करता हूं। निजी तौर उनका बहुत सम्मान करता हूं। उनका जीवन बहुमूल्य है और मैं उनसे अनशन खत्म करने की अपील करता हूं।”

अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों और सरकार के साथ बातचीत में बुधवार को पैदा हुए गतिरोध को शांत करने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “सरकार जन लोकपाल सहित अरुणा राय के विधेयक और सरकारी विधेयक पर सदन में चर्चा कराने के लिए तैयार है।”

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