नई दिल्ली ।। भाजपा की ओर से लोकपाल के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करने से नाराज पार्टी सांसद यशवंत सिन्हा ने इस्तीफे की पेशकश कर सियासी माहौल को गरमा दिया है। वैसे पार्टी सूत्रों से खबर आ रही है कि भाजपी ने सिन्हा के इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया है।
उधर, बुधवार को रामलीला मैदान में राजनीतिक नेताओं की हलचल रही। भाजपा के युवा सांसद वरुण गांधी सुबह-सुबह रामलीला मैदान पहुंचे और अन्ना समर्थकों के बीच बैठ गए। कुछ ही देर बाद शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के दूत के रूप में संजय राउत रामलीला मैदान पहुंचे।
वरुण गांधी से जब पूछा गया कि आप के रामलीला मैदान में आने का क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा कि मैं यहां देश के एक नागरिक के तौर पर आया हूं। मैं अन्ना का समर्थन करना चाहता हूं। जब वरुण से पूछा गया कि वह मंच पर जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि वह मंच पर नहीं जाएंगे। अन्ना से मुलाकात की बात पर पीलीभीत से भाजपा सांसद ने कहा कि उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है।
गौरतलब है कि भाजपा ने जन लोकपाल बिल का समर्थन नहीं किया है। पार्टी ने अन्ना का तो समर्थन किया है, लेकिन उनके जन लोकपाल प्रस्ताव पर पार्टी अभी तक खामोश है।
उधर, भाजपा शासित गुजरात के कानून और संसदीय कार्य मंत्री दिलीप संघानी ने यह कहकर सियासी हलचल तेज कर दी है कि कोई भी व्यक्ति कानून बनाने के लिए संसद पर दबाव नहीं बना सकता। संघानी को नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है।